बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान: एनडीए से नहीं जाएंगे, राजद के साथ नहीं बन रही बात

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6 सितम्बर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर साफ किया है कि वह एनडीए गठबंधन को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार ने एनडीए के प्रति अपनी निष्ठा को दोहराते हुए स्पष्ट किया कि वे राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं करने जा रहे हैं।

एनडीए के साथ नीतीश का भरोसा

नीतीश कुमार ने अपनी मुलाकात के दौरान यह स्पष्ट संदेश दिया कि वह एनडीए के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं और आने वाले चुनावों में भी इसी गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी, जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड), एनडीए की प्राथमिकताओं के साथ पूरी तरह से सहमत है और भविष्य में भी इसी दिशा में काम करेगी। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई अटकलें लगाई जा रही थीं कि नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन (राजद और कांग्रेस के साथ) में जा सकते हैं।

राजद के साथ रिश्तों पर विराम

राजद के साथ गठबंधन को लेकर उठ रहे सवालों पर नीतीश ने साफ किया कि राजद के साथ उनकी पार्टी की विचारधारा मेल नहीं खाती। उन्होंने जोर देकर कहा कि राजद के साथ उनके कोई भी पुराने संबंध अब दोबारा नहीं बनेंगे, क्योंकि राजद की राजनीति उनके मौजूदा एजेंडे और बिहार के विकास के प्रति उनकी सोच से मेल नहीं खाती।

भाजपा से संबंध मजबूत

जेपी नड्डा के साथ इस बैठक को भाजपा और जेडीयू के रिश्तों को मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है। यह मुलाकात उस समय हुई जब कई राजनीतिक विशेषज्ञ यह मान रहे थे कि नीतीश कुमार राजद के साथ गठबंधन कर सकते हैं। लेकिन नीतीश के इस बयान ने सभी अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने साफ किया कि भाजपा के साथ उनका गठबंधन अटूट है और बिहार के विकास के लिए वे इसी राह पर चलते रहेंगे।

राजनीतिक अटकलों का अंत?

इस बयान के बाद, बिहार की राजनीति में कई दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। नीतीश कुमार के एनडीए में बने रहने और राजद के साथ किसी भी गठबंधन से इंकार करने के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार की राजनीति फिलहाल किसी बड़े बदलाव की ओर नहीं बढ़ रही है।

निष्कर्ष

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि वे एनडीए के साथ मजबूती से जुड़े रहेंगे और राजद के साथ किसी भी तरह की सियासी साझेदारी नहीं करेंगे। उनकी इस घोषणा से राज्य की राजनीतिक स्थिति में स्थिरता बनी रहेगी और आने वाले चुनावों में एनडीए के भीतर एकता की स्थिति कायम रहेगी।

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