रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान: ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति पर प्रकाश डाला

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6 सितम्बर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान में भारत की वैश्विक भूमिका और वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) का संदेश दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए भारतीय सेना को शांति बनाए रखने और युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहने की सलाह दी।

‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का महत्व

राजनाथ सिंह ने अपने बयान में जोर देते हुए कहा कि भारत का यह शाश्वत संदेश ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखने की दृष्टि को प्रस्तुत करता है। यह सिद्धांत भारतीय संस्कृति की गहराई और मानवता की सार्वभौमिकता को दर्शाता है। उनके अनुसार, भारत का यह आदर्श न केवल एक सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि वैश्विक शांति और सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान भी है।

वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति

रक्षा मंत्री ने वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया आज विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने इसे एक जटिल और परिवर्तनशील परिदृश्य के रूप में वर्णित किया, जहाँ देशों के बीच तनाव और संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। इस संदर्भ में, भारत की भूमिका और जिम्मेदारी पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को शांति बनाए रखने के साथ-साथ युद्ध के लिए भी हमेशा तैयार रहना चाहिए।

भारतीय सेना की तैयारियों पर जोर

राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के महत्व और उसकी तैयारियों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सेना को हमेशा शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए, लेकिन साथ ही किसी भी संभावित खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार भी रहना चाहिए। यह दोहरी जिम्मेदारी भारतीय सेना की है, जो न केवल देश की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी शांति और स्थिरता में योगदान करती है।

समकालीन वैश्विक चुनौतियाँ

राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान वैश्विक चुनौतियाँ, जैसे क्षेत्रीय विवाद, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संकट और आतंकवाद, सभी देशों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हैं। भारत का मानना है कि इन समस्याओं का समाधान सहयोग और संवाद के माध्यम से ही संभव है, और इसके लिए ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को अपनाना होगा।

निष्कर्ष

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह बयान भारत की सांस्कृतिक और वैश्विक दृष्टिकोण को उजागर करता है। उन्होंने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत को वैश्विक शांति और सहयोग के संदर्भ में महत्वपूर्ण बताते हुए, भारतीय सेना की तैयारियों पर भी जोर दिया है। इस प्रकार, उनका बयान भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका को स्पष्ट करता है और वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में उसकी जिम्मेदारियों को रेखांकित करता है।

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