भारत आने से पहले मालदीव ने चीन के साथ मिलकर एक नई रणनीति अपनानी शुरू कर दी है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के जल्द भारत यात्रा पर आने की उम्मीद है, हालांकि तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है। इस बीच, मालदीव ने अपने रक्षा मंत्री घासन मौमून को चीन भेजा, जहां उन्होंने 11वें बीजिंग जियांगशान फोरम में भाग लिया।
रक्षा सहयोग पर चीन से चर्चा
मालदीव और चीन ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया। मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि रक्षा मंत्री घासन मौमून ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। बैठक में मालदीव के राजदूत डॉ. फजील नजीब भी उपस्थित रहे।
चीन से सैन्य उपकरणों की मदद
मालदीव और चीन के बीच सैन्य संबंधों को लेकर पहले भी बातचीत हो चुकी है। मार्च 2023 में, दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत चीन मालदीव को सैन्य उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा।
भारत के लिए क्या संकेत?
मालदीव का चीन के साथ बढ़ता रक्षा सहयोग भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है, खासकर तब जब मुइज्जू की भारत यात्रा की योजना बनाई जा रही है। चीन के साथ यह बढ़ता संबंध, जिसे “डबल गेम” कहा जा रहा है, भारत-मालदीव संबंधों पर असर डाल सकता है।