सुलतानपुर एनकाउंटर: मंगेश यादव के रात वाले वीडियो का सच और पूरा केस

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में हाल ही में एक एनकाउंटर की घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस एनकाउंटर में मंगेश यादव नामक व्यक्ति की मौत हो गई, और इस घटना को लेकर एक रात का वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो और एनकाउंटर के संदर्भ में विभिन्न दावों और सवालों ने इसे एक विवादास्पद मामला बना दिया है। आइए, इस पूरे मामले की तह तक जाएं और जानें क्या है इसका सच।

एनकाउंटर का विवरण

सुलतानपुर में मंगेश यादव के एनकाउंटर की घटना 18 सितंबर 2024 को हुई। पुलिस ने दावा किया कि मंगेश यादव पर कई आपराधिक मामलों में संलिप्तता का आरोप था और उसने पुलिस पर गोलीबारी की, जिसके जवाब में पुलिस को उसे मार गिराने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस एनकाउंटर में मंगेश यादव की मौके पर ही मौत हो गई।

वायरल वीडियो का सच

एनकाउंटर के बाद, एक रात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें मंगेश यादव को कथित तौर पर पुलिस की हिरासत में दिखाया गया। वीडियो में यह दिखाई दे रहा है कि मंगेश यादव को हाथ-पांव बंधे हुए और गंभीर हालत में दिखाया गया है। इसके बाद, वीडियो में एनकाउंटर की घटना को लेकर कुछ असंगत विवरण भी देखे गए हैं।

वायरल वीडियो ने लोगों में यह संदेह उत्पन्न किया है कि एनकाउंटर पहले से ही प्लान किया गया था और मंगेश यादव को हिरासत में ही मार डाला गया। कई लोगों ने इस वीडियो को एनकाउंटर के संबंध में एक साजिश और मानवाधिकारों का उल्लंघन मानते हुए सवाल उठाए हैं।

पुलिस की सफाई

इस वीडियो और एनकाउंटर पर उठे सवालों के जवाब में, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि एनकाउंटर कानूनी प्रक्रिया के तहत किया गया था और मंगेश यादव ने पुलिस की कार्रवाई के दौरान ही गोलीबारी की थी। पुलिस ने यह भी कहा है कि वीडियो को संदर्भ से बाहर दिखाया गया है और वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।

पुलिस ने यह भी कहा कि मंगेश यादव पर कई गंभीर आरोप थे और उसने कानून की अवहेलना की, जिसके कारण पुलिस को आत्मरक्षा में एनकाउंटर करना पड़ा।

जांच और न्याय की प्रक्रिया

इस घटना को लेकर एक जांच समिति गठित की गई है, जो एनकाउंटर की पूरी जांच करेगी। इस समिति को यह देखने का दायित्व सौंपा गया है कि एनकाउंटर के दौरान सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था या नहीं।

साथ ही, मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी प्रकार का गलत काम या दुरुपयोग न हुआ हो।

निष्कर्ष

सुलतानपुर में मंगेश यादव के एनकाउंटर ने एक बार फिर से एनकाउंटर और पुलिस की कार्रवाई के बारे में बहस छेड़ दी है। वायरल वीडियो ने मामले की गंभीरता को बढ़ा दिया है और पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्न उठाए हैं। यह महत्वपूर्ण है कि इस मामले की पूरी और निष्पक्ष जांच हो ताकि सत्यता का पता चल सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके। समाज और कानून के प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि सभी प्रक्रियाएं पारदर्शिता और कानूनी ढंग से की जाएं।

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