बिहार के 13 जिलों में बाढ़ का कहर: आपदा प्रबंधन विभाग की चेतावनी और राहत प्रयास

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,4 अक्टूबर। बिहार के 13 जिलों में भारी बारिश और नदी तटों पर जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी और दरभंगा जिलों में बाढ़ का प्रभाव सबसे अधिक है। इन जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

बाढ़ की स्थिति और प्रभावित इलाकों की जानकारी

गंगा, कोसी, बागमती, गंडक और अन्य प्रमुख नदियाँ उफान पर हैं, जिससे इन नदियों के किनारे बसे इलाकों में पानी घुस गया है। खासकर पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, अररिया और पूर्णिया जिलों में स्थिति अत्यधिक गंभीर है, जहाँ कई गाँव जलमग्न हो गए हैं और लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ रहा है। सीतामढ़ी, सुपौल और मधेपुरा में भी हालात चिंताजनक हैं, जहाँ हजारों एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई है और फसलें बर्बाद हो गई हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग की चेतावनी

राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने इन जिलों में चेतावनी जारी की है और लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में बारिश जारी रहने की संभावना है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ सकती है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं और जिला स्तर पर अधिकारियों को तैनात किया गया है।

राहत और बचाव कार्य

सरकार ने प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहाँ लोगों को अस्थायी आवास, भोजन और पानी मुहैया कराया जा रहा है। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार बचाव अभियान चला रही हैं। इन टीमों ने अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है और कई इलाकों से निकासी अभियान जारी है।

राज्य सरकार ने हेलीकॉप्टरों और नावों की मदद से राहत सामग्री वितरण का काम तेज कर दिया है। राहत शिविरों में चिकित्सा सुविधाओं का भी इंतजाम किया जा रहा है, ताकि बीमारियों से निपटा जा सके। कई क्षेत्रों में स्वास्थ्य टीमें भी तैनात की गई हैं।

प्रभावित लोगों की समस्याएँ

बाढ़ के कारण प्रभावित लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। घरों में पानी भर जाने से लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ रही है। पीने के पानी और खाने की व्यवस्था भी मुश्किल हो गई है। कई गांवों में बिजली और संचार सेवाएं भी बाधित हो गई हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

कृषि क्षेत्र भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लाखों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। पशुधन की हानि भी एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है, क्योंकि कई इलाकों में मवेशियों के लिए चारे और पानी की कमी हो गई है।

सरकारी प्रयास और घोषणाएँ

बिहार सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए आपातकालीन सहायता पैकेज की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि राहत सामग्री सभी जरूरतमंदों तक पहुंचे और किसी भी व्यक्ति को भोजन या चिकित्सा सुविधाओं की कमी न हो। सरकार ने बाढ़ से हुई फसल क्षति और संपत्ति के नुकसान के लिए मुआवजे की घोषणा भी की है। इसके अलावा, प्रभावित किसानों के कर्ज माफ करने की भी योजना पर विचार किया जा रहा है।

निष्कर्ष

बिहार के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राहत कार्यों के बावजूद हालात पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आए हैं। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग और सरकार के प्रयासों के बावजूद बाढ़ का असर जनजीवन और कृषि पर भारी पड़ रहा है। प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार और बचाव दलों को और अधिक प्रयास करने होंगे, ताकि इस संकट से जल्द से जल्द निपटा जा सके और लोगों का जीवन सामान्य हो सके।

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