कनाडा के उप मंत्री का बयान: भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान आवश्यक

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 अक्टूबर। ओटावा में आयोजित विदेशी हस्तक्षेप आयोग के समक्ष कनाडा के विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने भारत के प्रति कनाडा की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा है कि “कनाडा की नीति बहुत स्पष्ट है कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। एक भारत है, और यह बहुत स्पष्ट कर दिया गया है।”

बयान का संदर्भ

डेविड मॉरिसन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और कनाडा के बीच कुछ राजनीतिक तनाव बढ़ा है। यह बयान उस समय महत्वपूर्ण है जब कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। मॉरिसन ने यह स्पष्ट किया कि कनाडा सरकार की नीति क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के प्रति निष्ठा का पालन करती है।

भारत-कनाडा संबंध

कनाडा और भारत के बीच गहरे संबंध रहे हैं, और दोनों देशों के बीच सहयोग विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा है। इस बयान के माध्यम से मॉरिसन ने कनाडा की सरकार की स्पष्ट नीति को रेखांकित किया है, जिससे यह संदेश जाता है कि कनाडा भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है और किसी भी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ है।

विदेशी हस्तक्षेप आयोग का महत्व

विदेशी हस्तक्षेप आयोग का उद्देश्य विभिन्न देशों में बाहरी शक्तियों के हस्तक्षेप की जांच करना है। यह आयोग देशों की संप्रभुता को सुरक्षित रखने के लिए काम करता है। मॉरिसन का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि कनाडा इस मुद्दे पर गंभीर है और किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा।

निष्कर्ष

डेविड मॉरिसन का यह बयान कनाडा की विदेश नीति के प्रति एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि कनाडा भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है और एक मजबूत और स्थिर संबंध के लिए प्रतिबद्ध है। इससे दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और समझ को और मजबूत करने की उम्मीद जगी है। यह भी महत्वपूर्ण है कि ऐसे बयानों के माध्यम से देशों के बीच संवाद को बढ़ावा मिले और किसी भी प्रकार के संदेह को दूर किया जा सके।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.