कनाडा के पीएम का पकड़ा गया झूठ: भारत की MEA की खरी-खरी, संबंधों को नुकसान के लिए ट्रूडो जिम्मेदार

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 अक्टूबर। हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत पर लगाए गए गंभीर आरोपों और इसके बाद उनके बयानों से दोनों देशों के बीच संबंधों में भारी तनाव उत्पन्न हुआ है। ट्रूडो ने भारत पर अपने देश में हिंसा और अस्थिरता फैलाने के आरोप लगाए, जिससे भारत ने न केवल इन आरोपों को निराधार बताया, बल्कि उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया। इस स्थिति में, भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने ट्रूडो की आलोचना करते हुए उनके झूठ और भ्रामक बयानों को उजागर किया है।

ट्रूडो के आरोपों का सच

जस्टिन ट्रूडो ने अपने बयान में यह दावा किया था कि भारतीय एजेंसियों का हाथ कनाडा में कुछ घटनाओं के पीछे है, खासकर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर। हालांकि, न तो उन्होंने कोई ठोस सबूत पेश किए और न ही कनाडा की जांच एजेंसियों ने भारत के खिलाफ ऐसा कोई ठोस मामला बनाया। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” करार दिया और जोर देकर कहा कि यह कनाडा की अंदरूनी राजनीति का हिस्सा है, जिसमें भारत को बिना वजह घसीटा जा रहा है।

भारत की खरी-खरी

MEA ने ट्रूडो को करारा जवाब देते हुए कहा कि भारत कभी भी किसी भी विदेशी भूमि पर अवैध गतिविधियों का समर्थन नहीं करता। इसके साथ ही MEA ने यह भी स्पष्ट किया कि कनाडा की सरकार अपने देश में पनप रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों पर नियंत्रण करने में विफल रही है। भारत का यह भी आरोप है कि ट्रूडो की सरकार ने इन तत्वों को राजनीतिक संरक्षण दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध खराब हुए हैं।

दोनों देशों के संबंधों पर असर

ट्रूडो की गलत बयानी और उनके द्वारा दिए गए झूठे बयान न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनाडा की छवि को धूमिल कर रहे हैं, बल्कि भारत और कनाडा के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध पहले से ही मजबूत थे, लेकिन इन हालिया घटनाओं ने आपसी विश्वास में दरार डाल दी है। भारत ने अपने राजनयिक संबंधों की समीक्षा करते हुए कनाडा से अपने राजनयिक मिशन के कुछ हिस्सों को वापस बुलाने का भी फैसला किया है।

ट्रूडो पर जिम्मेदारी

भारत ने साफ कर दिया है कि दोनों देशों के बीच जो नुकसान हुआ है, उसके लिए सीधे तौर पर जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार जिम्मेदार हैं। भारत ने कनाडा को यह भी चेतावनी दी है कि अगर वह अपने यहां आतंकवाद और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले तत्वों पर सख्त कदम नहीं उठाता, तो इससे और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

निष्कर्ष

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोपों ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को गहरा नुकसान पहुंचाया है। MEA की खरी-खरी से यह साफ हो गया है कि भारत अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, और ट्रूडो की झूठी बयानबाजी से कनाडा-भारत संबंधों में जो दरार आई है, उसकी पूरी जिम्मेदारी कनाडाई प्रधानमंत्री पर ही है।

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