समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 अक्तूबर.
अमेरिका ने रूस के यूक्रेन पर जारी युद्ध में सहायता देने के आरोप में भारत, रूस, चीन समेत करीब 15 देशों की 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन कंपनियों पर आरोप है कि वे रूस के युद्ध प्रयासों को समर्थन देने वाले उत्पाद और सेवाएं मुहैया करा रही हैं। अमेरिकी वित्त और विदेश विभागों की इस साझा कार्रवाई का उद्देश्य उन ‘तीसरे पक्ष के देशों’ को दंडित करना है, जिन पर रूस को भौतिक सहायता पहुंचाने या पश्चिमी प्रतिबंधों से बचाने में मदद करने का आरोप है।
अमेरिकी वित्त विभाग के अनुसार, रूस को अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करने वाले 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें 274 कंपनियों पर रूस को उन्नत प्रौद्योगिकी देने का आरोप है। प्रतिबंधित कंपनियों में कई रूस स्थित रक्षा और विनिर्माण फर्में शामिल हैं, जो यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले हथियारों से संबंधित उत्पादों का निर्माण करती हैं। इसके अलावा, अमेरिकी विदेश विभाग ने रूसी रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और चीन स्थित कुछ कंपनियों पर भी राजनयिक प्रतिबंध लगाए हैं। ये कंपनियां दोहरे इस्तेमाल वाले रक्षा उत्पादों के निर्यात में शामिल बताई जा रही हैं।
अमेरिकी वित्त विभाग के उप मंत्री वैली एडेमो ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी रूस की युद्ध मशीन की ताकत को कमजोर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।