जाने-माने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय का 69 वर्ष की आयु में निधन

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,1 नवम्बर। देश के प्रख्यात अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय का 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, क्योंकि उन्होंने न केवल देश के आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि आर्थिक सुधारों के लिए कई सुझाव भी दिए।

अर्थशास्त्र में बिबेक देबरॉय का योगदान

बिबेक देबरॉय भारतीय अर्थव्यवस्था के उन प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे, जिन्होंने विकास के नए मापदंड स्थापित किए। उनके विचार, अर्थव्यवस्था में सुधार और विकास को बढ़ावा देने के लिए हमेशा उल्लेखनीय रहे हैं। देबरॉय के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक नीतियों और योजनाओं का निर्माण किया, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को स्थिरता और मजबूती मिली।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

देबरॉय का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान बहुआयामी था। वे आर्थिक सुधार, निवेश प्रोत्साहन, रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन जैसे मुद्दों पर सक्रिय रूप से कार्यरत रहे। उन्होंने सरकार को लगातार यह सलाह दी कि कैसे भारत को एक तेजी से बढ़ती और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित किया जा सकता है। वे संरचनात्मक सुधारों के हिमायती थे और आर्थिक नीति में उनकी स्पष्ट दृष्टि ने देश की प्रगति में बड़ी भूमिका निभाई।

आर्थिक सुधारों में उनकी भूमिका

बिबेक देबरॉय ने भारतीय रेलवे के सुधारों में भी अहम भूमिका निभाई थी। वे भारतीय रेलवे में निजीकरण और कार्यकुशलता को बढ़ाने के प्रयासों के समर्थक रहे। उनकी अध्यक्षता में बनी कई रिपोर्ट्स ने सरकारी तंत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। इसके साथ ही, उन्होंने व्यापारिक नियमों को सरल बनाने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी सरकार को उपयोगी सलाह दी थी।

शिक्षा और लेखन में योगदान

बिबेक देबरॉय न केवल एक अर्थशास्त्री थे बल्कि एक लेखक और शिक्षाविद भी थे। उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन किया है, जिनमें से अधिकतर भारतीय अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति से जुड़े विषयों पर आधारित थीं। भारतीय संस्कृति, विशेषकर महाभारत और रामायण पर उनकी गहरी पकड़ थी और उन्होंने इन पर भी कई पुस्तकें लिखीं। उनके लेखन ने लोगों को भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया।

उनके निधन से एक बड़ी क्षति

बिबेक देबरॉय का निधन भारतीय आर्थिक नीति और विकास के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है। उनके जाने से न केवल सरकार, बल्कि संपूर्ण आर्थिक जगत ने एक महान विशेषज्ञ और मार्गदर्शक खो दिया है। उनके द्वारा दिए गए विचार और सुझाव आने वाले वर्षों में भी भारतीय अर्थव्यवस्था के मार्गदर्शक बने रहेंगे।

बिबेक देबरॉय की विदाई के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक कुशल और दूरदर्शी अर्थशास्त्री खो दिया, जिन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से देश को विकास की दिशा में आगे बढ़ाया। उनकी विरासत आने वाले पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।

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