टीवी होस्ट को कैसे बना दिया रक्षा मंत्री? ट्रंप के फैसले पर अमेरिका के रिटायर्ड मिलिट्री कमांडर्स ने उठाए सवाल

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,14 नवम्बर। अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक हालिया फैसले ने देश की राजनीति और सैन्य प्रतिष्ठान में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने रक्षा मंत्रालय के शीर्ष पद पर एक टीवी होस्ट की नियुक्ति के संकेत दिए हैं, जो रक्षा मंत्री की भूमिका निभा सकता है। इस निर्णय को लेकर अमेरिकी सैन्य अधिकारी और रिटायर्ड मिलिट्री कमांडर्स ने गंभीर सवाल उठाए हैं और ट्रंप की योग्यता को लेकर भी आलोचना की है।

मिलिट्री कमांडर्स की आपत्ति और सवाल

अमेरिकी सैन्य कमांडरों ने इस फैसले पर गंभीर चिंता जताई है। उनके अनुसार, एक टीवी होस्ट को रक्षा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील पद पर नियुक्त करना सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में गंभीर खतरा हो सकता है। एक रिटायर्ड जनरल ने कहा कि रक्षा मंत्री का पद किसी अनुभवहीन व्यक्ति के लिए नहीं है और इसमें गहरा समझ और अनुभव होना अनिवार्य है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करार दिया।

ट्रंप की विवादित नियुक्तियों का इतिहास

डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति कार्यकाल हमेशा से विवादास्पद नियुक्तियों के लिए जाना गया है। कई मौकों पर उन्होंने असामान्य फैसले लिए हैं, जो परंपरागत राजनीतिक और सैन्य मानदंडों के खिलाफ रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि उन्हें अपने साथ काम करने वालों पर भरोसा है, चाहे वे किसी भी पेशे से हों, और उन्हें अपने फैसले पर पूरा यकीन है। लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि रक्षा मंत्रालय का पद ऐसा नहीं है, जिसे केवल व्यक्तिगत पसंद के आधार पर किसी को सौंपा जाए।

मिलिट्री विशेषज्ञों का तर्क

मिलिट्री विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका की रक्षा नीतियां, सुरक्षा रणनीतियाँ और वैश्विक मामलों में देश की भूमिका की निगरानी एक ऐसा काम है, जिसके लिए दशकों के अनुभव की जरूरत होती है। एक टीवी होस्ट को इस पद पर नियुक्त करना न केवल अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकता है।

जनता की प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव

अमेरिकी जनता में भी ट्रंप के इस निर्णय को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ हैं। जहां कुछ लोग इसे साहसी और अनोखे फैसले के रूप में देख रहे हैं, वहीं अन्य इसे जोखिमपूर्ण मान रहे हैं। अगर यह नियुक्ति होती है, तो इसका असर अमेरिका की वैश्विक प्रतिष्ठा और रक्षा नीति पर भी पड़ सकता है।

निष्कर्ष

ट्रंप के फैसले ने अमेरिका के रक्षा नीति विशेषज्ञों और सैन्य प्रतिष्ठान में गहरे असंतोष को जन्म दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में क्या इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा या इसे लागू किया जाएगा।

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