AAP छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कैलाश गहलोत, खट्टर और हर्ष मल्होत्रा की मौजूदगी में ली सदस्यता

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 नवम्बर। दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष हर्ष मल्होत्रा की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। यह कदम न केवल दिल्ली की राजनीति बल्कि आम आदमी पार्टी के लिए भी एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

कैलाश गहलोत का बीजेपी में शामिल होना क्यों अहम है?

कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक थे और अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाते थे। उन्होंने AAP सरकार में परिवहन और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली थी।
उनका बीजेपी में जाना कई मायनों में खास है:

  1. AAP के लिए झटका: यह कदम पार्टी की आंतरिक एकता और नेतृत्व पर सवाल उठाता है।
  2. बीजेपी को बढ़त: गहलोत जैसे अनुभवी नेता का बीजेपी में शामिल होना आगामी चुनावों में पार्टी को रणनीतिक बढ़त दिला सकता है।
  3. जाट वोट बैंक पर प्रभाव: गहलोत का जाट समुदाय से होना बीजेपी के लिए पश्चिमी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वोट बैंक को मजबूत कर सकता है।

कैलाश गहलोत ने क्यों छोड़ी AAP?

गहलोत ने AAP छोड़ने के पीछे पार्टी नेतृत्व से असहमति और अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली को कारण बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी अब अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है और सत्ता के लोभ में काम कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी में उन्हें विकास के लिए बेहतर अवसर नजर आ रहे हैं।

खट्टर और हर्ष मल्होत्रा का स्वागत

बीजेपी में गहलोत का स्वागत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “कैलाश गहलोत जैसे अनुभवी नेता का हमारी पार्टी में आना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दिल्ली और एनसीआर में पार्टी की जड़ें मजबूत करेगा।”
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष हर्ष मल्होत्रा ने भी गहलोत के अनुभव और राजनीतिक क्षमता की तारीफ की और उन्हें पार्टी का मजबूत स्तंभ बताया।

AAP की प्रतिक्रिया

कैलाश गहलोत के बीजेपी में शामिल होने पर AAP ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे “विकास विरोधी राजनीति” करार दिया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि गहलोत ने अपने निजी स्वार्थ के लिए पार्टी को धोखा दिया है।
हालांकि, AAP नेताओं ने यह भी कहा कि इससे पार्टी की जमीनी लोकप्रियता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

आगामी चुनावों पर असर

गहलोत का बीजेपी में शामिल होना दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।

  • बीजेपी को मजबूती: गहलोत के अनुभव और समुदाय में प्रभाव का बीजेपी फायदा उठा सकती है।
  • AAP के लिए चुनौती: यह घटना पार्टी की विश्वसनीयता और आंतरिक स्थिरता पर सवाल खड़े कर सकती है।

निष्कर्ष

कैलाश गहलोत का AAP छोड़कर बीजेपी में शामिल होना दिल्ली की राजनीति में एक बड़ी घटना है। इससे न केवल राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं बल्कि आगामी चुनावों में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

“राजनीति में बदलाव नई संभावनाएं लेकर आता है, और गहलोत का यह कदम बीजेपी के लिए नई रणनीतिक दिशा तैयार कर सकता है।

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