समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 नवम्बर।
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नई दिल्ली,21 नवम्बर।
भारत में बैंक बचत खाता (सर्विंग्स अकाउंट) न केवल आपकी बचत को सुरक्षित रखने का एक माध्यम है, बल्कि यह वित्तीय लेन-देन के लिए भी एक अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, जब आप अपने बचत खाते में धनराशि जमा करते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी गतिविधियां आयकर विभाग (Income Tax Department) की नजरों में संदिग्ध न लगें।
आयकर विभाग की नजर में रहने वाली बड़ी नकदी जमा या लेन-देन आमतौर पर वे हैं जो एक विशेष सीमा से अधिक होती हैं। कुछ प्रमुख बिंदु जो ध्यान में रखने चाहिए:
यदि आपकी आय पहले से ही टैक्स के दायरे में है और आप अपनी आय की सही जानकारी रिटर्न फाइलिंग में देते हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन, अगर आपकी जमा राशि आपकी घोषित आय से मेल नहीं खाती, तो आयकर विभाग आपसे सवाल कर सकता है।
बचत खाते में पैसे जमा करना सामान्य बात है, लेकिन यदि आपकी जमा या लेन-देन आयकर विभाग द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक होती है, तो इसकी रिपोर्टिंग अनिवार्य है। नियमों का पालन करें, अपनी आय का सही विवरण दें और कर संबंधी सलाहकारों से मार्गदर्शन लें। इससे न केवल आप टैक्स विभाग की नजरों से बचेंगे, बल्कि अनावश्यक झंझटों से भी मुक्त रहेंगे।
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