पियूष गोयल: ‘डोनाल्ड ट्रंप भारत के मित्र’, भारत-अमेरिका संबंधों पर केंद्रीय मंत्री का बड़ा बयान

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,28 नवम्बर।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने हाल ही में भारत-अमेरिका संबंधों पर अपने विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत का “मित्र” बताया। गोयल ने ट्रंप के भारत के साथ संबंधों और उनके कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत हुई साझेदारी की सराहना की। उनके इस बयान ने राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में चर्चा को तेज कर दिया है।

डोनाल्ड ट्रंप को क्यों बताया “भारत का मित्र”?

पियूष गोयल ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के संबंध नए आयाम तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर न केवल व्यापार, बल्कि रक्षा और रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए। ट्रंप ने भारतीय समुदाय के योगदान को भी हमेशा सराहा और अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूती देने में रुचि दिखाई।

भारत-अमेरिका संबंध: एक मजबूत साझेदारी

भारत और अमेरिका के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में काफी गहरे हुए हैं। चाहे वह व्यापार हो, रक्षा सहयोग, तकनीकी साझेदारी या वैश्विक मंचों पर सहयोग—दोनों देशों ने एक-दूसरे का साथ दिया है।

गोयल ने यह भी कहा कि मौजूदा बाइडेन प्रशासन ने भी इन संबंधों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन उन्होंने जोर दिया कि ट्रंप प्रशासन के दौरान शुरू हुई “सशक्त सहयोग की बुनियाद” को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

क्या संकेत दे रहे हैं पियूष गोयल?

गोयल का बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं और डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की ओर से मजबूत दावेदार हैं। उनका यह बयान संकेत देता है कि भारत, अमेरिका के किसी भी प्रशासन के साथ अपने संबंध बनाए रखने को लेकर सकारात्मक और तैयार है।

ट्रंप और मोदी की दोस्ती का असर

डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच व्यक्तिगत संबंध भी चर्चा का विषय रहे हैं। “हाउडी मोदी” और “नमस्ते ट्रंप” जैसे कार्यक्रमों ने दोनों नेताओं के आपसी विश्वास और सहयोग को दिखाया। पियूष गोयल के बयान में इन कार्यक्रमों की सफलता और दोनों नेताओं की मित्रता की झलक दिखाई देती है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

गोयल के बयान पर राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ विशेषज्ञ इसे ट्रंप की भारत समर्थक नीतियों की स्वीकृति मानते हैं, तो कुछ इसे आगामी अमेरिकी चुनावों में भारतीय समुदाय के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए दिया गया बयान मानते हैं।

निष्कर्ष

पियूष गोयल का यह बयान भारत-अमेरिका के गहराते संबंधों की पुष्टि करता है और डोनाल्ड ट्रंप की भारत-समर्थक नीतियों को एक नई सराहना देता है। यह बयान दिखाता है कि भारत अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वहां किसी भी पार्टी की सरकार हो। अब देखना होगा कि आगामी अमेरिकी चुनावों के बाद इन संबंधों को और कितना बल मिलता है।

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