संभल मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट तैयार नहीं: अब 8 जनवरी को कोर्ट करेगा सुनवाई

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,29 नवम्बर।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित एक मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद में एक बार फिर सुनवाई टल गई है। इस मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद जारी है, और अब यह मामला 8 जनवरी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट तैयार न होने के कारण अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख दी है।

मस्जिद सर्वे का विवाद

संभल की इस मस्जिद को लेकर एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया कि मस्जिद के नीचे किसी प्राचीन हिंदू संरचना के अवशेष मौजूद हैं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की थी ताकि इस दावे की पुष्टि हो सके।

कोर्ट ने इस मामले में सर्वे का आदेश दिया था, और सर्वेक्षण का कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सौंपा गया। लेकिन समय सीमा के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जा सकी, जिससे मामले में देरी हो रही है।

सर्वे में देरी के कारण

ASI ने कोर्ट को सूचित किया कि तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से सर्वे का कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका।

  1. क्षेत्रीय विवाद और स्थानीय विरोध के कारण सर्वेक्षण कार्य में बाधा आई।
  2. सर्वे के लिए आवश्यक उपकरण और विशेषज्ञों की उपलब्धता में भी देरी हुई।
  3. मस्जिद प्रबंधन और स्थानीय समुदाय ने सर्वे के खिलाफ आपत्ति जताई थी, जिससे प्रक्रिया प्रभावित हुई।

अगली सुनवाई 8 जनवरी को

अब कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के लिए अधिक समय देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 8 जनवरी निर्धारित की है। अदालत ने ASI को निर्देश दिया है कि वह अपनी रिपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर तैयार करे और समय पर पेश करे।

मस्जिद प्रबंधन का पक्ष

मस्जिद प्रबंधन ने इस मामले को “धार्मिक भावनाओं के खिलाफ” बताते हुए इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि इस तरह के सर्वेक्षण से सांप्रदायिक सौहार्द पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि इस विवाद को हल करते समय सभी समुदायों की भावनाओं का सम्मान किया जाए।

याचिकाकर्ताओं का दावा

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि उनका उद्देश्य किसी धार्मिक विवाद को भड़काना नहीं, बल्कि ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करना है। उनका दावा है कि मस्जिद के नीचे एक प्राचीन हिंदू मंदिर के अवशेष मौजूद हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए।

विवाद का व्यापक प्रभाव

संभल मस्जिद का यह मामला सिर्फ कानूनी विवाद नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और सांप्रदायिक मुद्दा भी बन चुका है।

  • स्थानीय तनाव: इस विवाद के कारण संभल में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है।
  • राजनीतिक असर: राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक दल भी इस मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे हैं।
  • धार्मिक सौहार्द: विभिन्न संगठनों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

निष्कर्ष

संभल मस्जिद का यह मामला ऐतिहासिक तथ्यों और धार्मिक भावनाओं के बीच संतुलन का परीक्षण है। कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश और ASI की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में बढ़ता है और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।
आशा है कि यह विवाद शांति और आपसी समझदारी के साथ सुलझाया जाएगा, ताकि सामुदायिक सौहार्द बना रहे।

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