फिलिस्तीन पर सऊदी नागरिकों का मूड देख बदला प्रिंस सलमान का रुख, अमेरिका के साथ डिफेंस डील में किया बदलाव

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,30 नवम्बर।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने हाल ही में अमेरिका के साथ डिफेंस डील में कुछ बड़े बदलाव किए हैं। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब फिलिस्तीन के मुद्दे पर सऊदी अरब के नागरिकों की भावनाएं उबाल पर हैं। प्रिंस सलमान ने इन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति में बदलाव किया है, जो यह दिखाता है कि फिलिस्तीन का मुद्दा सऊदी समाज में कितना अहम है।

फिलिस्तीन पर सऊदी नागरिकों का दबाव

पिछले कुछ महीनों में फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव को लेकर सऊदी अरब के नागरिकों ने गहरी नाराजगी जताई है। देशभर में आम जनता और धार्मिक समूहों ने फिलिस्तीनियों के समर्थन में आवाज उठाई, जिससे सरकार पर भी इसका असर पड़ा। सोशल मीडिया पर प्रिंस सलमान की विदेश नीति की आलोचना शुरू हो गई थी, खासकर इजरायल के साथ संभावित संबंध सुधारों को लेकर।

डिफेंस डील में बदलाव

अमेरिका और सऊदी अरब के बीच होने वाली डिफेंस डील में फिलिस्तीन के समर्थन के संकेत साफ देखे गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, सऊदी अरब ने डील के कुछ प्रावधानों को संशोधित किया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके निर्णय फिलिस्तीनियों के खिलाफ न जाएं। अमेरिका के साथ सैन्य सहयोग मजबूत करने के बावजूद, सऊदी अरब ने यह साफ कर दिया है कि फिलिस्तीन का मुद्दा उसकी प्राथमिकता है।

एमबीएस की रणनीति में बदलाव

मोहम्मद बिन सलमान हाल के वर्षों में इजरायल के साथ संबंध सुधारने के संकेत दे रहे थे, लेकिन फिलिस्तीन को लेकर सऊदी समाज में बढ़ते असंतोष ने उनकी इस योजना को धीमा कर दिया। प्रिंस सलमान ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर एक संतुलित रुख अपनाने की कोशिश की है। उन्होंने अमेरिका को यह संदेश दिया है कि सऊदी अरब के लिए फिलिस्तीन का समर्थन केवल एक कूटनीतिक नहीं, बल्कि एक नैतिक और धार्मिक कर्तव्य भी है।

अंतरराष्ट्रीय समीकरण

अमेरिका के लिए यह स्थिति थोड़ी असहज है, क्योंकि वह इजरायल और सऊदी अरब के बीच संबंध सुधारना चाहता है। हालांकि, सऊदी अरब की इस नई रणनीति ने फिलिस्तीन के मुद्दे को फिर से वैश्विक चर्चा के केंद्र में ला दिया है। सऊदी अरब के इस कदम से अन्य मुस्लिम देशों पर भी फिलिस्तीन के प्रति अपने रुख को स्पष्ट करने का दबाव बढ़ा है।

नागरिकों की ताकत का असर

सऊदी अरब जैसे देश में, जहां जनता का राजनीतिक प्रभाव सीमित माना जाता है, यह घटना दर्शाती है कि फिलिस्तीन के मुद्दे पर सऊदी नागरिक कितने संवेदनशील हैं। यह भी स्पष्ट होता है कि क्राउन प्रिंस को अपनी नीतियों में बदलाव करने के लिए नागरिकों की भावनाओं को गंभीरता से लेना पड़ा है।

निष्कर्ष

फिलिस्तीन का मुद्दा केवल सऊदी अरब की विदेश नीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह उसके नागरिकों की गहरी भावनाओं और धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा है। प्रिंस सलमान ने फिलिस्तीन के समर्थन में अपने रुख को मजबूत कर यह संदेश दिया है कि सऊदी अरब अपने मूल्यों और परंपराओं से समझौता नहीं करेगा। अमेरिका के साथ डिफेंस डील में बदलाव इस बात का संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में जनता की भावना कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है।

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