भारतीय पादरी को कार्डिनल बनाए जाने पर पीएम मोदी ने जताई खुशी, कहा- देश के लिए गर्व का पल

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11 दिसंबर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय पादरी को कार्डिनल के पद पर नियुक्त किए जाने पर खुशी व्यक्त की है। उन्होंने इसे देश के लिए गौरव का क्षण बताया। यह सम्मान भारत के ईसाई समुदाय के साथ-साथ पूरे देश के लिए गर्व की बात है।

क्या है मामला?

हाल ही में भारतीय पादरी को वेटिकन सिटी में कार्डिनल के पद पर नियुक्त किया गया। कार्डिनल चर्च की उच्चतम संस्थाओं में से एक पद है, जो पोप के बाद सबसे प्रभावशाली माने जाते हैं। यह पद किसी भी चर्च के सदस्य के लिए बेहद प्रतिष्ठित होता है।

पीएम मोदी का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक संदेश जारी करते हुए कहा,
“भारतीय पादरी को कार्डिनल बनाए जाने की खबर से मुझे अत्यधिक प्रसन्नता हुई। यह न केवल हमारे देश के ईसाई समुदाय के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। उनकी यह उपलब्धि भारतीय संस्कृति और परंपरा की महानता को विश्व पटल पर स्थापित करती है।”

कैसे चुना जाता है कार्डिनल?

कार्डिनल बनने की प्रक्रिया वेटिकन सिटी के माध्यम से की जाती है। इसमें पोप योग्य व्यक्तियों का चयन करते हैं, जो चर्च के कार्यों में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। भारतीय पादरी की इस उपलब्धि को उनकी सेवाओं और समर्पण का परिणाम माना जा रहा है।

ईसाई समुदाय में खुशी की लहर

इस नियुक्ति के बाद देशभर में ईसाई समुदाय में उत्साह का माहौल है। चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं की जा रही हैं और लोगों ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया है। कई धार्मिक संगठनों ने इस पर अपनी खुशी जाहिर की है और इसे देश की विविधता और समरसता का प्रतीक बताया।

भारत की वैश्विक पहचान मजबूत

इस नियुक्ति से भारत की वैश्विक पहचान और मजबूत हुई है। यह न केवल धार्मिक सद्भाव का प्रतीक है बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत से जुड़े लोग दुनिया के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का सम्मान

यह घटना इस बात का प्रमाण है कि भारत की विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि विश्व स्तर पर सराही जा रही है। भारतीय पादरी की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण की कहानी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारतीय नागरिक हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं।

निष्कर्ष

भारतीय पादरी का कार्डिनल के रूप में चुना जाना न केवल एक व्यक्ति विशेष की उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की समृद्ध संस्कृति, विविधता, और धार्मिक सहिष्णुता का उत्सव है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इसे सराहना मिलना इस बात का संकेत है कि यह देश के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का पल है।

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