समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 दिसंबर। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक देश एक चुनाव विधेयक का विरोध करते हुए इसे संविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ करार दिया। ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म कर देगा और केवल राष्ट्रीय पार्टियों को लाभ पहुंचाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस विधेयक से देश की लोकतांत्रिक संरचना पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
वहीं भाजपा ने राज्यसभा सांसदों को एम्स, भुवनेश्वर और अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के चुनाव के लिए तीन लाइन व्हिप जारी किया है। यह चुनाव 19 दिसंबर, 2024 को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक संविधान सदन के कक्ष संख्या 63 में होंगे।
विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह विधेयक लोगों के वोट देने के अधिकार पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग को इस विधेयक के तहत अत्यधिक अधिकार दिए जा रहे हैं, जो संविधान के खिलाफ है। गोगोई ने यह भी कहा कि संविधान में चुनाव आयोग का कार्य केवल चुनाव कराना था, लेकिन इस विधेयक में राष्ट्रपति को चुनाव आयोग से सलाह लेने का प्रावधान किया गया है, जो असंवैधानिक है।
टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने भी विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इस विधेयक के तहत चुनाव आयोग को अत्यधिक शक्तियां दी जा रही हैं, जिससे राज्य सरकारें चुनाव आयोग के सामने कमजोर हो जाएंगी। बनर्जी ने इस विधेयक को संविधान के खिलाफ बताया।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी इस विधेयक का विरोध किया, जबकि एनडीए की सहयोगी तेदेपा ने विधेयक का समर्थन किया है।
इस बीच, लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक देश एक चुनाव विधेयक पेश किया। विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक बताते हुए वापस लेने की मांग की।