समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में एक बड़ी घटना सामने आई, जब संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के आवास पर बिजली विभाग ने छापा मारा। यह छापा बिजली टेम्परिंग और अनियमितताओं की शिकायतों के बाद डाला गया। जांच के दौरान अधिकारियों को ऐसे सबूत मिले हैं, जो बिजली के अवैध उपयोग की ओर इशारा करते हैं।
क्या है मामला?
बिजली विभाग को शिकायत मिली थी कि सांसद बर्क के आवास पर लंबे समय से बिजली का अवैध उपयोग हो रहा है। विभागीय जांच में पता चला कि पिछले एक साल से मीटर की रीडिंग शून्य दिखा रही थी। यानी, एक साल से वहां बिजली का उपयोग तो हो रहा था, लेकिन उसका कोई रिकॉर्ड नहीं था।
सुबह-सुबह पड़ा छापा
बिजली विभाग की टीम ने सुबह-सुबह बर्क के आवास पर छापा मारा। इस दौरान टीम ने बिजली मीटर की गहन जांच की और पाया कि मीटर के साथ छेड़छाड़ की गई है। अधिकारियों ने मौके पर कई दस्तावेज और उपकरण जब्त किए, जो टेम्परिंग की पुष्टि करते हैं।
सांसद का बयान
इस मामले पर सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि वह किसी भी तरह की गड़बड़ी में शामिल नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है। बर्क ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि अगर कोई गलती पाई जाती है, तो वह जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं।
बिजली विभाग का रुख
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टेम्परिंग के सबूत स्पष्ट हैं और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी कहा कि बड़े उपभोक्ताओं द्वारा इस तरह की धोखाधड़ी से विभाग को भारी नुकसान होता है।
बिजली चोरी पर बढ़ती सख्ती
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने बिजली चोरी के मामलों पर सख्त रुख अपनाया है। विभागीय टीमों को निर्देश दिया गया है कि वे बड़े और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करने से न हिचकिचाएं। इस मामले में की गई कार्रवाई सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।
राजनीतिक हलचल
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे सरकार द्वारा चुनिंदा कार्रवाई करार दिया है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इसे कानून के दायरे में उठाया गया कदम बताया है।
निष्कर्ष
संभल सांसद के घर बिजली टेम्परिंग के इस मामले ने एक बार फिर दिखाया है कि प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना आसान नहीं होता, लेकिन जब सख्त कदम उठाए जाते हैं, तो यह कानून व्यवस्था के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। अब देखना यह होगा कि जांच में क्या सामने आता है और दोषियों को क्या सजा मिलती है।