समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,23 दिसंबर। दिल्ली एक बार फिर किसान आंदोलन की आहट महसूस कर रही है। पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन ने इस आंदोलन को नई दिशा दी है, जिससे स्थिति गंभीर होती जा रही है।
डल्लेवाल का आमरण अनशन और बिगड़ती सेहत
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 24 दिनों से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं, जिससे उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही है। गुरुवार सुबह वे अचानक बेहोश होकर गिर पड़े, जिससे आंदोलनकारियों में चिंता बढ़ गई है।
सुप्रीम कोर्ट की चिंता और किसान संगठनों का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की सेहत को देखते हुए पंजाब सरकार को उन्हें अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। हालांकि, किसान संगठनों ने इस निर्देश को मानने से इनकार करते हुए कहा कि डल्लेवाल का अनशन जारी रहेगा।
राजनीतिक समर्थन और आंदोलन की व्यापकता
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने डल्लेवाल से मुलाकात कर उनके प्रति समर्थन जताया है।किसान संगठनों ने 24 दिसंबर को देशभर में कैंडल मार्च और 26 दिसंबर को तहसील और जिला स्तर पर सांकेतिक उपवास का आह्वान किया है, जिससे आंदोलन का दायरा बढ़ता जा रहा है।
किसानों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया
किसानों की मुख्य मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक इस पर ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे किसानों में असंतोष बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन और किसानों की बढ़ती सक्रियता से दिल्ली पर एक बार फिर किसान आंदोलन का साया मंडरा रहा है। यदि सरकार और किसान संगठनों के बीच संवाद स्थापित नहीं हुआ, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।