कुमार राकेश
नई दिल्ली,24 दिसंबर।
पिछले दिनों 4-8 सितंबर 2024 तक मैं वियतनाम दौरे पर था ।हो चिन मिन्ह सिटी के भारतीय कौंसलवास में सेमिनार के अलावा और भी कई कार्यक्रम थे । मैं जिस होटल में रुका था , उसकी बनावट ऐसी थी कि उसके बारे में जानने की उत्सुकता पैदा हुई । बताया गया कि वह होटल कभी अमेरिका-वियतनाम युद्ध में मुख्य नियंत्रण भवन था। मुझे भी थोड़ा गर्व महसूस हुआ । क्योकि करीब 20 वर्षों तक चले लंबे युद्ध में अमेरिका,वियतनाम से बुरी तरह हार गया था -उसके अन्य कारणों में एक बड़ा कारक तत्त्व भारत भी था ।भारत के वीर थे ।वो कौन थे ? इसके लिए इस कहानी को पढ़िए -एक भारतीय होने के नाते आपका सर गर्व के साथ ऊपर हो जाएगा और उन वीरों के सम्मान में झुक जाएगा ।
वियतनाम विश्व का एक छोटा सा देश है। जिसने अमेरिका जैसे बड़े बलशाली देश को झुका दिया।
लगभग 20 वर्षों तक (1955-1975)चले युद्ध में अमेरिका पराजित हुआ। वो युद्ध उत्तर और दक्षिण वियतनाम के बीच था ।जिसमे दक्षिण वियतनाम को अमेरिका समर्थन दे रहा था ।जबकि दूसरे पक्ष को रूस और चीन—परंतु अमेरिका वाला पक्ष हार गया ।जैसा कि आज यूक्रेन और रूस का युद्ध हो रहा है जिसमें अमेरिका यूक्रेन के साथ हैं ।
बहरहाल ,उस वियतनाम युद्ध में विजय के बाद विजयी वियतनाम के राष्ट्रप्रमुख से एक पत्रकार ने सवाल पूछा…
सवाल था -आप युद्ध कैसे जीते और अमेरिका जैसे ताक़तवर देश को कैसे झुका दिया… ??
उस प्रश्न का उत्तर हम भारतीयों को गौरवान्वित करने वाला है!
दिया गया उत्तर था –
सभी देशों में सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को हराने के लिए तमाम रणनीतियों के साथ मैंने एक महान व श्रेष्ठ भारतीय राजा का चरित्र पढ़ा और उनकी जीवनी से मिली प्रेरणा व युद्धनीति का प्रयोग कर हमने अमेरिका को हराकर विजय प्राप्त की..!!
आगे पत्रकार ने पूछा…
“कौन थे वो महान राजा ?”
मित्रों ध्यान से पूरा पढ़िए आपका सीना गर्व से भर जायेगा…!!
वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष ने
खड़े होकर जवाब दिया…
“वो थे भारत के राजस्थान में मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप सिंह !!”
“महाराणा प्रताप “का नाम
लेते समय उनकी आँखों में एक वीरता भरी चमक थी.. आगे उन्होंने कहा…!!
“अगर ऐसे राजा ने हमारे देश में जन्म लिया होता तो हमने सारे विश्व पर राज किया होता”
कुछ वर्षों के बाद उस राष्ट्रप्रमुख की मृ त्यु हुई तो आपको पता है कि उन्होंने अपनी समाधि पर क्या लिखवाया……!!
⚔”यह महाराणा प्रताप के एक शिष्य की समाधि है !!”⚔️
ऐसा है हमारा भारत देश !
कालांतर में वियतनाम के विदेशमंत्री भारत के दौरे पर आए थे। पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार उन्हें पहले लाल किला व बाद में गांधीजी की समाधि दिखलाई गई….!!
ये सब देखते हुए उन्होंने पूछा “मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप की समाधि कहाँ है ?
तब भारत सरकार के अधिकारी चकित रह गए और उन्होंने वहाँ उदयपुर का उल्लेख किया.. वियतनाम के विदेशमंत्री उदयपुर गये वहाँ उन्होंने महाराणा प्रताप की समाधि के दर्शन किये…!!
समाधि के दर्शन करने के बाद उन्होंने समाधि के पास की मिट्टी उठाई और उसे अपने बैग में भर लिया,,इस पर पत्रकार ने मिट्टी रखने का कारण पूछा …!!
उन विदेशमंत्री महोदय ने कहा “ये मिट्टी शूरवीरों की है,, इस मिट्टी में एक महान राजा ने जन्म लिया,, ये मिट्टी मैं अपने देश की मिट्टी में मिला दूंगा ..!!
ताकि मेरे देश में भी ऐसे ही वीर पैदा हों।
ऐसा है हमारा भारतवर्ष,जिसके गौरवशाली इतिहास को कांग्रेस की पिछली सरकारों में तोड़ने -मरोड़ा । तहस नहस किया । देश के लुटेरे , आक्रांतों मुसलमानों को महिमा मंडित किया और आज भी हम उस दंश को झेल रहे हैं ।
भाजपा के मोदी सरकार से अपेक्षा है कि दिल्ली में हुमायूँ के कथित मकबरे के नाम सैकड़ों एकड़ भूमि क्यो क़ब्ज़ा किया हुआ है?
मेरे विचार से ऐसे पूरे देश में हज़ारो उदाहरण है जिससे समय रहते हम सबको को उबरने की आवश्यकता है । साथ ही मुग़लों के नाम पर क़ुतुब मीनार जैसे कई भारतीय धरोहरों , भवनों, राजमार्गों का पुनः नामकरण हो , जिससे हम अपने प्राचीन गौरवशाली भारत को पुनः जी सके !
* कुमार राकेश