यूपी: अग्निवीर योजना के विरोध में तोड़फोड़-आगजनी करने वालों पर एक्शन, 69 प्रदर्शनकारियों से होगी 12 लाख की वसूली

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24 दिसंबर।
उत्तर प्रदेश में अग्निवीर योजना के विरोध में हाल ही में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं। इन घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने ऐसे 69 प्रदर्शनकारियों की पहचान की है, जिन्होंने तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था। राज्य सरकार ने इन प्रदर्शनकारियों से लगभग 12 लाख रुपये की वसूली करने का फैसला किया है, जो कि न केवल इन कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराए गए लोगों से जुर्माना के तौर पर लिया जाएगा, बल्कि यह राज्य की संपत्ति के नुकसान का भी प्रतिकार होगा।

अग्निवीर योजना का विरोध और हिंसा

अग्निवीर योजना, जो भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक नई पहल है, पिछले कुछ महीनों से चर्चा में रही है। इस योजना के तहत सेना में चार साल के लिए युवाओं की भर्ती की जा रही है, जिसमें बाद में इन्हें रिजर्व कोर के तौर पर रखा जाएगा। हालांकि, यह योजना कई युवाओं के लिए रोजगार का अवसर बन सकती है, लेकिन इसके खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। कई युवाओं ने इसे अपनी भविष्य की सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा है, और इसका विरोध किया है।

उत्तर प्रदेश में भी इस योजना के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे, जिसमें युवाओं ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। इन प्रदर्शनों के दौरान कई सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया था, साथ ही कई सरकारी दफ्तरों और वाहनें भी नुकसान की शिकार हुई थीं।

सरकार की सख्त कार्रवाई

इन घटनाओं के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने इन प्रदर्शनों में शामिल 69 लोगों की पहचान की है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। सरकार ने यह फैसला लिया है कि इन प्रदर्शनकारियों से 12 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। यह वसूली मुख्य रूप से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए की जाएगी। प्रदेश सरकार ने कहा कि जो लोग हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल रहे हैं, उन्हें सिर्फ सजा नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी जवाबदेह ठहराया जाएगा। यह कदम न केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुधारने के लिए उठाया गया है, बल्कि यह अन्य लोगों को यह संदेश देने के लिए भी है कि राज्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को सजा मिलेगी।

इसके अलावा, सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रदर्शनकारियों से वसूली की पूरी प्रक्रिया कानूनी तरीके से की जाएगी, और किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए जांच की जाएगी। वसूली की यह राशि संबंधित प्रदर्शनकारियों से उनकी संपत्ति के नुकसान के आधार पर ली जाएगी।

प्रदर्शनकारियों का विरोध

वहीं, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अग्निवीर योजना के विरोध में उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और उन्होंने किसी भी तरह की हिंसा का सहारा नहीं लिया। उनका कहना था कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों का मानना था कि यह योजना उनके भविष्य के लिए खतरनाक हो सकती है, क्योंकि चार साल के बाद उन्हें किसी भी तरह की स्थायी नौकरी की गारंटी नहीं दी जा रही है।

हालांकि, सरकार और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हिंसा और तोड़फोड़ किसी भी स्थिति में उचित नहीं है, और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार युवाओं के मुद्दों को सुनने के लिए तैयार है, लेकिन कानून को हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती।

सरकार का संदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा प्राथमिकता है और किसी भी स्थिति में इस तरह के विध्वंसक घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार का कहना है कि वह प्रदर्शनकारियों के मुद्दों को समझने के लिए वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन हिंसा और अराजकता को बढ़ावा देने वाली घटनाओं को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में अग्निवीर योजना के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार की ओर से उठाया गया कदम यह दर्शाता है कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखना और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 69 प्रदर्शनकारियों से 12 लाख रुपये की वसूली का निर्णय एक कड़ा संदेश भेजता है कि राज्य में हिंसा और तोड़फोड़ करने वालों को न तो किसी तरह का संरक्षण मिलेगा, और न ही उनके कृत्यों को माफ किया जाएगा।

यह देखना अब महत्वपूर्ण होगा कि भविष्य में इस योजना को लेकर युवाओं का विरोध किस दिशा में आगे बढ़ता है और क्या सरकार इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाती है।

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