जॉर्ज सोरोस को अमेरिकी सर्वोच्च नागरिक सम्मान: एक विवादास्पद निर्णय या ट्रंप के खिलाफ राजनीतिक तंज?

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6 जनवरी।
अमेरिका के प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और अरबपति जॉर्ज सोरोस को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने की घोषणा ने वैश्विक राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इस सम्मान को ट्रंप समर्थकों द्वारा न केवल “अमेरिकी मूल्यों का अपमान” करार दिया गया है, बल्कि इसे ट्रंप के खिलाफ एक राजनीतिक तंज के रूप में भी देखा जा रहा है।

सोरोस: एक विवादास्पद व्यक्तित्व

जॉर्ज सोरोस को दुनिया भर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के समर्थन के लिए जाना जाता है। लेकिन उनके आलोचक, विशेष रूप से दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोग, उन्हें “वैश्विक षड्यंत्रकारी” और “सत्ता के पीछे छुपा चेहरा” मानते हैं।

नाजी विचारधारा के आरोप

सोरोस को लेकर सबसे विवादास्पद आरोप उनके नाजी जर्मनी के साथ कथित संबंधों को लेकर लगाए जाते हैं। हालांकि, सोरोस के यहूदी मूल को देखते हुए यह आरोप विचित्र लगते हैं, लेकिन आलोचकों का दावा है कि हंगरी में अपने युवावस्था के दौरान उन्होंने नाजी शासन का समर्थन किया था। यह आरोप सोरोस के आलोचकों को उनके खिलाफ एक बड़ा हथियार प्रदान करता है।

भारत में सोरोस समर्थकों की भूमिका

सोरोस के सम्मान को लेकर भारत में भी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। भारतीय आईटी उद्योग, सामाजिक कार्यकर्ता, और परोपकारी संस्थाओं में उनके समर्थक, जैसे अजीम प्रेमजी, रोहिणी निलेकणी और फोर्ड फाउंडेशन से जुड़े अन्य लोग, इस फैसले का स्वागत कर सकते हैं। हालांकि, उनके आलोचक यह आरोप लगाते हैं कि सोरोस और उनके समर्थक “छुपे एजेंडा” के तहत काम कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अस्थिरता फैलाना है।

तुलना: हिटलर और सोरोस

कुछ आलोचक जॉर्ज सोरोस को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने की तुलना जर्मनी द्वारा एडॉल्फ हिटलर को सम्मानित करने से कर रहे हैं। यह तुलना न केवल अतार्किक है, बल्कि ऐतिहासिक संदर्भों को भी अनदेखा करती है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि सोरोस की विचारधारा और उनकी नीतियां हमेशा से विभाजनकारी रही हैं।

ट्रंप समर्थकों का आक्रोश

डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक इस फैसले को “अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ साजिश” बता रहे हैं। उनके अनुसार, यह सम्मान सोरोस के विवादास्पद इतिहास और ट्रंप विरोधी रुख के कारण दिया गया है।

निष्कर्ष

जॉर्ज सोरोस को अमेरिकी सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का निर्णय केवल उनके योगदान की मान्यता तक सीमित नहीं है। यह फैसला अमेरिका और दुनिया भर में चल रही वैचारिक और राजनीतिक लड़ाई का हिस्सा बन गया है।

सोरोस को मिले इस सम्मान पर बहस उनके समर्थकों और आलोचकों के बीच विचारधारा की लड़ाई को और अधिक गहरा कर सकती है। सवाल यह है कि क्या यह सम्मान वास्तव में उनके कार्यों का सम्मान है, या यह वैश्विक राजनीति में एक और विवाद का कारण बनने जा रहा है।

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