समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 जनवरी। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही राजनीतिक गलियारों में पूर्वांचली बनाम अन्य समुदाय की राजनीति गरमा गई है। राजधानी दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या काफी प्रभावशाली है, और सभी राजनीतिक दल इस वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हैं। सवाल उठता है कि आखिर इस ‘पूर्वांचली बनाम अन्य’ की जंग को हवा कौन दे रहा है और इससे किसे राजनीतिक लाभ हो सकता है?