प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2025: राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी प्रवासी भारतीयों का सम्मान

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समग्र समाचार सेवा
भुवनेश्वर,10 जनवरी।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 8 से 10 जनवरी, 2025 तक आयोजित हो रहे 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन का समापन 10 जनवरी को होगा। इस अवसर पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (पीबीएसए) प्रदान करेंगी। यह पुरस्कार प्रवासी भारतीयों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी असाधारण उपलब्धियों और योगदानों के लिए दिया जाता है।

पुरस्कार चयन प्रक्रिया

इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए विजेताओं का चयन उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में बनी जूरी-कम-अवार्ड्स कमेटी ने किया। इस समिति में विदेश मंत्री भी शामिल रहे। इस वर्ष 27 व्यक्तियों और संस्थानों को उनके सामुदायिक सेवा, शिक्षा, व्यापार, और सार्वजनिक सेवा में योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।

प्रमुख सम्मानित व्यक्ति और उनके योगदान

  1. प्रो. अजय राणे (ऑस्ट्रेलिया)
    सामुदायिक सेवा के लिए सम्मानित। उन्होंने समाज के वंचित वर्गों को सशक्त करने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है।
  2. डॉ. मारियालेना जोन फर्नांडिस (ऑस्ट्रिया)
    शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित। उन्होंने सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है।
  3. डॉ. फिलोमेना ऐन मोहिनी हैरिस (बारबाडोस)
    चिकित्सा विज्ञान में योगदान के लिए सम्मानित। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में नवाचार किया है।
  4. स्वामी संयुक्तानंद (फिजी)
    सामुदायिक सेवा के लिए सम्मानित। फिजी में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया।
  5. सरस्वती विद्या निकेतन (गयाना)
    शिक्षा और भारतीय संस्कृति के संरक्षण में उनके योगदान के लिए सम्मानित।
  6. डॉ. लेखराज जुनेजा (जापान)
    विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचार के लिए सम्मानित।

अन्य प्रमुख सम्मानित

  • डॉ. प्रेम कुमार (किर्गिज गणराज्य)
    चिकित्सा क्षेत्र में सुधार के लिए योगदान।
  • श्री कृष्ण सवजानी (मलावी)
    व्यापार क्षेत्र में सफलता और योगदान।
  • ‘तन श्री’ डॉ. सुब्रमण्यम के.वी. सत्यसिवम (मलेशिया)
    राजनीति और सामुदायिक कल्याण में योगदान।
  • डॉ. शरद लखनपाल (यूएसए)
    चिकित्सा शोध और सेवा में उत्कृष्टता।

भारतीय प्रवासियों की उपलब्धियों का उत्सव

प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2025 भारत के प्रवासी नागरिकों की उपलब्धियों को मान्यता देता है। यह आयोजन भारत की “सॉफ्ट पावर” को प्रदर्शित करते हुए वैश्विक संबंधों को मजबूत बनाने का कार्य करता है।

यह पुरस्कार न केवल प्रवासी भारतीयों के प्रति भारत सरकार की कृतज्ञता को व्यक्त करता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय समुदाय के योगदान को भी रेखांकित करता है।

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