संभल दंगे 1978: योगी सरकार ने दी दोबारा जांच के आदेश, एक हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 जनवरी।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1978 में संभल में हुए दंगों की फाइल दोबारा खोलने का फैसला किया है। सरकार ने इस मामले की गहराई से जांच के आदेश दिए हैं और एक हफ्ते के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

क्या था 1978 का संभल दंगा?

1978 में उत्तर प्रदेश के संभल जिले में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, जिसमें कई लोगों की जान गई थी और भारी संख्या में संपत्तियों का नुकसान हुआ था। इस घटना ने उस समय पूरे प्रदेश में तनाव का माहौल बना दिया था। हालांकि, उस समय इस मामले की जांच अधूरी रह गई थी और पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया था।

योगी सरकार का सख्त रुख

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दंगों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जाए। सरकार का उद्देश्य है कि घटना के पीछे छिपे सच को उजागर किया जाए और दोषियों को सजा दी जाए।

जांच कमेटी का गठन

सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है। यह टीम पुराने दस्तावेजों, गवाहों और अन्य साक्ष्यों की बारीकी से जांच करेगी। साथ ही, दंगों से प्रभावित परिवारों से भी बातचीत कर उनके अनुभवों और आरोपों को दर्ज किया जाएगा।

पीड़ितों को मिलेगा न्याय?

इस जांच के आदेश से संभल दंगों के पीड़ितों में एक नई उम्मीद जगी है। लंबे समय से न्याय की बाट जोह रहे पीड़ित अब उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक हलचल तेज

इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दल इस कदम को सरकार की चुनावी रणनीति बता रहे हैं, जबकि सरकार इसे न्याय दिलाने की प्रक्रिया का हिस्सा बता रही है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि जांच के बाद क्या खुलासे होते हैं और क्या पीड़ितों को आखिरकार न्याय मिल पाता है।

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