प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि: किसानों के लिए क्रांतिकारी योजना

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 जनवरी।
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना कृषि क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और नवाचारपूर्ण कदम है। इस योजना के तहत किसानों को सीधे आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। अब तक लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये देश के करोड़ों किसानों के खातों में सीधे पहुंच चुके हैं। यह योजना न केवल किसानों की आजीविका को सशक्त बना रही है बल्कि देश की कृषि व्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है।

सीधी लाभ हस्तांतरण की अनूठी पहल
इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सहायता राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। इससे बिचौलियों और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है और सहायता का पूरा लाभ सीधे किसानों को मिल रहा है। इससे किसानों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार धन का उपयोग करने की स्वतंत्रता मिली है।

उर्वरक सब्सिडी में ऐतिहासिक सुधार
सरकार ने उर्वरक सब्सिडी के क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाया है। पहले सरकार केवल उर्वरकों की कीमतों पर सब्सिडी देती थी, लेकिन बाजार ही अंतिम मूल्य तय करता था। पहली बार सरकार ने डीएपी (DAP) उर्वरक की कीमत ₹1350 प्रति बोरी तय की और शेष लागत स्वयं वहन करने का निर्णय लिया। यह ऐतिहासिक निर्णय है जो किसानों को राहत देने के साथ-साथ कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक है।

सब्सिडी का सीधा लाभ किसानों को मिले
अब समय आ गया है कि उर्वरक समेत कृषि क्षेत्र में दी जाने वाली हर तरह की सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाए। इससे किसान स्वयं निर्णय ले सकेंगे कि वे किस प्रकार की खेती करना चाहते हैं—रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करें या जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाएं। जब किसानों को आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी तो वे प्राकृतिक और जैविक खेती जैसे वैकल्पिक विकल्पों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

जैविक और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन
अगर उर्वरक सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाए तो किसान इस राशि का उपयोग जैविक खाद, प्राकृतिक संसाधनों और अन्य पर्यावरण हितैषी उपायों में कर सकते हैं। इससे न केवल कृषि भूमि की उर्वरता बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। कृषि विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों को इस दिशा में सोचने की जरूरत है ताकि सब्सिडी का उपयोग किसानों की दीर्घकालिक भलाई में हो सके।

निष्कर्ष
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और उर्वरक सब्सिडी में सुधार जैसे कदम किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और कृषि क्षेत्र में नवाचार लाने में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। यदि सब्सिडी का सीधा लाभ किसानों को मिले तो वे अपनी जरूरतों के अनुसार बेहतर निर्णय ले पाएंगे। यह बदलाव न केवल किसानों के जीवन में सुधार लाएगा बल्कि देश की कृषि व्यवस्था को भी सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएगा।

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