समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 जनवरी। ब्रिटिश रॉक बैंड कोल्डप्ले के प्रमुख गायक क्रिस मार्टिन ने हाल ही में एक बयान दिया है, जिसने भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक संबंधों को लेकर एक बार फिर चर्चा छेड़ दी है। क्रिस मार्टिन ने भारत का धन्यवाद करते हुए कहा,
“आपने हमें उन सभी गलतियों के लिए माफ किया, जो ब्रिटेन ने अतीत में की थीं। इसके लिए मैं आपका आभारी हूं।”
भारत-ब्रिटेन का इतिहास और क्रिस मार्टिन का संदर्भ
ब्रिटेन और भारत का संबंध इतिहास में औपनिवेशिक शासन के कारण जटिल और संवेदनशील रहा है। भारत पर ब्रिटिश राज (1757-1947) के दौरान कई आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक शोषण हुए। ब्रिटिश शासन के समय हुए अमृतसर नरसंहार, बंगाल का अकाल, और कई अन्य घटनाएं भारत की जनता पर गहरी छाप छोड़ गईं।
क्रिस मार्टिन का यह बयान इन ऐतिहासिक घावों को ध्यान में रखते हुए भारतीयों की सहनशीलता और उनके माफ करने के गुण की सराहना करता है।
क्रिस मार्टिन और भारत का विशेष रिश्ता
क्रिस मार्टिन और उनकी बैंड कोल्डप्ले का भारत के साथ एक खास जुड़ाव है। उनकी 2016 की प्रसिद्ध ‘ग्लोबल सिटिजन फेस्टिवल’ का मुंबई में आयोजन हुआ था, जिसमें लाखों भारतीयों ने हिस्सा लिया था। इस आयोजन में कोल्डप्ले ने भारतीय संगीत और संस्कृति को खुले दिल से अपनाया था।
क्रिस मार्टिन का यह बयान उनके भारत के प्रति प्रेम और सम्मान को और स्पष्ट करता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय लोगों का गर्मजोशी से स्वागत और उनकी उदारता विश्वभर में विशेष है।
भारतीयों की प्रतिक्रिया
क्रिस मार्टिन के इस बयान को भारत में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। सोशल मीडिया पर कई भारतीयों ने उनकी ईमानदारी और खुलेपन की सराहना की। यह बयान ब्रिटिश राज के दौरान हुए अन्यायों को स्वीकार करने और उन्हें सुधारने की दिशा में एक सांकेतिक कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष
क्रिस मार्टिन का यह बयान केवल संगीत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक संबंधों को एक नई दृष्टि से देखने की प्रेरणा देता है। भारतीय संस्कृति और इतिहास का सम्मान करते हुए मार्टिन ने यह साबित कर दिया कि संगीत केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह दिलों और देशों को जोड़ने की ताकत भी रखता है।
क्रिस मार्टिन का यह बयान एक महत्वपूर्ण संदेश देता है—अतीत में हुई गलतियों को स्वीकारना और उनके लिए माफी मांगना साहस और सच्चाई का प्रतीक है। इससे भारत और ब्रिटेन के संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।