EVM पर भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त का बड़ा बयान – “भारत की EVM से हमारे देश का चुनाव बेहतर हुआ”

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,25 जनवरी।
भारत की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर जहां देश में बहस जारी रहती है, वहीं भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त दाशो सोनम टोपगे ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि EVM ने उनके देश की चुनाव प्रक्रिया को अधिक दक्ष और भरोसेमंद बनाया है

EVM से भूटान के चुनावों में आया सुधार

गुरुवार को नई दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त सोनम टोपगे ने कहा कि भारत द्वारा प्रदान की गई EVM ने भूटान की चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और दक्षता को बढ़ाया है। उन्होंने यह भी कहा कि EVM ने भूटान के मतदाताओं का विश्वास जीता है और इससे चुनावों में निष्पक्षता और सुगमता आई है।

भूटान में कैसे उपयोग हो रही हैं भारत की EVM?

भूटान में भारत से प्राप्त EVM का उपयोग 2008 से हो रहा है, जब देश ने पहली बार लोकतांत्रिक चुनाव कराए थे। भूटान के चुनाव आयोग ने भारत से मिली टेक्नोलॉजी और अनुभव का लाभ उठाकर अपनी चुनावी प्रक्रिया को आधुनिक और विश्वसनीय बनाया।

EVM से मिले लाभ:

  • मतदान प्रक्रिया तेज हुई – पारंपरिक बैलेट पेपर के मुकाबले EVM से वोटिंग और काउंटिंग दोनों की प्रक्रिया तेज हो गई।
  • धांधली की संभावना कम हुई – EVM में छेड़छाड़ की आशंका बेहद कम होने से चुनाव निष्पक्ष रहे।
  • मतदाताओं का भरोसा बढ़ा – पारदर्शी प्रक्रिया के कारण जनता का विश्वास मजबूत हुआ।

EVM को लेकर भारत में विवाद, लेकिन भूटान में भरोसा

जहां भारत में EVM की विश्वसनीयता पर विपक्षी दलों द्वारा बार-बार सवाल उठाए जाते हैं, वहीं भूटान जैसे पड़ोसी देश भारत की इस तकनीक को अपनाकर अपने चुनावी सिस्टम को अधिक मजबूत बना रहे हैं। यह भारत के चुनाव आयोग और उसकी तकनीकी क्षमताओं की एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति है।

EVM पर वैश्विक मान्यता बढ़ रही है

EVM केवल भारत और भूटान ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में अपनी जगह बना रही है। इस तकनीक को अपनाने वाले अन्य देशों में नेपाल, नामीबिया, वेनेजुएला, ब्राजील और अमेरिका के कुछ हिस्से शामिल हैं।

निष्कर्ष

भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त के बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत की EVM प्रणाली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराही जा रही है। जहां भारत में राजनीतिक दलों के बीच इस पर बहस जारी है, वहीं भूटान जैसे देशों ने इसे अपनाकर अपने चुनावों को और अधिक पारदर्शी व विश्वसनीय बना लिया है। यह भारत की चुनावी प्रक्रिया और उसकी तकनीकी कुशलता का एक बड़ा प्रमाण है

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