फेक न्यूज अलर्ट: प्रयागराज कुंभ मेले में आतंकवादी की गिरफ्तारी का दावा निकला झूठा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,25 जनवरी।
देशभर में चल रहे प्रयागराज कुंभ मेले के बीच एक वायरल तस्वीर ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी। इस तस्वीर में दो पुलिसकर्मियों को एक साधु के वेश में व्यक्ति को रस्सियों से बांधकर पकड़ते हुए दिखाया गया है। इसके साथ यह दावा किया गया कि एक आतंकवादी “अयूब खान” को कुंभ मेले से गिरफ्तार किया गया है, जो साधु बनकर बड़ा अपराध करने की साजिश रच रहा था

क्या था वायरल दावा?

सोशल मीडिया पर फैल रही पोस्ट में लिखा था:
“उत्तर प्रदेश के कुंभ मेले में आतंकवादी अयूब खान गिरफ्तार। वह साधु के रूप में आया था और हमारे साधुओं के साथ घुलमिल गया था। उसने अपने पंथ में बताए गए सबसे बड़े अपराध को अंजाम देने की साजिश रची थी। भगवान की कृपा से हमारे साधुओं ने उसकी हरकतें देखीं और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।”

फैक्ट चेक: वायरल खबर झूठी निकली

जब इस दावे की तथ्यात्मक जांच (Fact-Check) की गई, तो कई अहम तथ्य सामने आए:

  1. गूगल लेंस के जरिए जब इस वायरल तस्वीर को जांचा गया, तो कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इस घटना की पुष्टि की गई हो।
  2. “अयूब खान कुंभ मेले में” जैसे कीवर्ड्स सर्च करने पर नवभारत टाइम्स और हिंदुस्तान में प्रकाशित 15 जनवरी 2025 की खबरें सामने आईं। इन रिपोर्ट्स में “अयूब” नाम के एक संदिग्ध युवक की गिरफ्तारी का जिक्र था, लेकिन इसका संदर्भ इस वायरल दावे से अलग था।
  3. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, अयूब अली नामक एक व्यक्ति को 14 जनवरी को कुंभ मेले में संतों के शिविर के पास पकड़ा गया था। पूछताछ में उसने अपना नाम पहले ‘आयुष’ बताया था, लेकिन सख्ती से पूछने पर उसने असली नाम ‘अयूब’ बताया।
  4. पुलिस जांच में सामने आया कि अयूब अली, एटा जिले के अलीगंज का निवासी है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि, वह नशे का आदी था और उसका परिवार वर्षों पहले जयपुर चला गया था
  5. वायरल तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति की उम्र अधिक थी, जबकि गिरफ्तार किए गए अयूब अली की उम्र कम बताई गई थी, जिससे साफ होता है कि तस्वीर और गिरफ्तारी की घटना में कोई संबंध नहीं है
  6. ओपन एआई इमेज डिटेक्टर, ‘Is It AI?’ और Hive.ai जैसे AI टूल्स की मदद से जब वायरल तस्वीर की जांच की गई, तो यह पुष्टि हुई कि यह एक आर्टिफिशियल इमेज (कृत्रिम रूप से बनाई गई तस्वीर) है, वास्तविक नहीं।
  7. जब प्रयागराज के डीआईजी कार्यालय से संपर्क किया गया, तो पीआर अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि कुंभ मेले के परिसर में किसी आतंकवादी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर फैल रही यह खबर पूरी तरह से फर्जी है।”

निष्कर्ष

इस फैक्ट-चेक से यह स्पष्ट होता है कि वायरल तस्वीर और इसमें किया गया दावा पूरी तरह गलत है। यह तस्वीर AI के जरिए बनाई गई है और इसका प्रयागराज कुंभ मेले में हुई किसी भी वास्तविक घटना से कोई संबंध नहीं है।

सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि किए झूठी खबरों को फैलाने से बचें और किसी भी वायरल खबर की सत्यता जांचने के लिए आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें

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