भारत की खिलौना उद्योग क्रांति: आयातक से निर्यातक बनने की कहानी

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 फरवरी।
भारत का खिलौना उद्योग एक ऐतिहासिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट में इस उद्योग के लिए घोषित प्रोत्साहनों ने देश को एक वैश्विक खिलौना हब बनाने की उम्मीदें जगा दी हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार खिलौना निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए एक नई योजना शुरू करेगी, जिससे देश में स्थानीय उत्पादन और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

खिलौना उद्योग में भारत की मजबूत होती स्थिति

पिछले एक दशक में भारत ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है:

  • खिलौनों के आयात में 52% की गिरावट और निर्यात में 239% की वृद्धि दर्ज की गई।
  • वर्ष 2023 में भारत का खिलौना बाजार 1.7 बिलियन डॉलर का था, जो 2032 तक बढ़कर 4.4 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।
  • महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्य खिलौना उत्पादन के प्रमुख केंद्र बनकर उभरे हैं।

सरकार की नई पहल और संभावनाएं

सरकार की योजना के तहत निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा:
टॉय प्रोडक्शन क्लस्टर: स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं और नवाचार को बढ़ावा देंगे, साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करेंगे।
एफडीआई को बढ़ावा: विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
रोजगार सृजन: खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे श्रमिकों का बड़े शहरों की ओर पलायन कम होगा।

आयात पर निर्भरता में कमी और आत्मनिर्भरता की ओर कदम

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में चीनी खिलौनों पर निर्भरता घटाने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं।

  • भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने खिलौनों की सुरक्षा को लेकर कड़े मानक लागू किए, जिससे आयात पर असर पड़ा।
  • 2020 से 2024 के बीच भारत ने कस्टम ड्यूटी 20% से बढ़ाकर 70% कर दी और क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCO) लागू किया।
  • इन उपायों के कारण भारत में चीन से आयात 80% तक घट गया
  • 2020 में जहां $235 मिलियन के चीनी खिलौने भारत में आयात होते थे, वहीं 2024 में यह घटकर $41 मिलियन रह गया।

खिलौना उद्योग की प्रगति के प्रमुख आंकड़े (2014-2020)

  • निर्माण इकाइयों की संख्या दोगुनी हुई
  • आयातित कच्चे माल की निर्भरता 33% से घटकर 12% हो गई।
  • उत्पादन में 10% CAGR (Compound Annual Growth Rate) की बढ़ोतरी दर्ज की गई
  • कुल श्रम उत्पादकता में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐतिहासिक योगदान

इस वर्ष का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट था, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इससे पहले, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में दस बजट पेश किए थे। अगर निर्मला सीतारमण अगले दो बजट और पेश करती हैं, तो वे इस रिकॉर्ड को तोड़ सकती हैं।

निष्कर्ष

खिलौना उद्योग में सरकार के प्रयास और आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत उठाए गए कदमों से भारत एक वैश्विक खिलौना हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इन नीतियों से न केवल भारतीय उद्योगपतियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बच्चों के लिए सुरक्षित, गुणवत्ता युक्त और भारतीय संस्कृति से जुड़े खिलौने भी अधिक सुलभ होंगे।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.