समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,14 फरवरी। भारत में चुनावों से पहले फ्री राशन, मुफ्त बिजली, कैश ट्रांसफर, और अन्य वादों की बौछार कोई नई बात नहीं है। राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए हर संभव तरीके अपनाते हैं, लेकिन क्या ये ‘रेवड़ी कल्चर’ देश की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए सही है? सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर चुनावों के दौरान मुफ्त योजनाओं की घोषणा पर चिंता जताई है और इसे विकास के रास्ते में बाधा बताया है।