साहित्य आजतक लखनऊ का हुआ आगाज, शिरकत कर रही हैं ये हस्तियां, देखें पूरा शेड्यूल

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15 फरवरी।
उत्तर भारत की सांस्कृतिक नगरी लखनऊ में इस बार साहित्य प्रेमियों के लिए एक बड़ा आयोजन हो रहा है। ‘साहित्य आजतक’ का भव्य आगाज लखनऊ में हो चुका है, जहां देश के प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि, लेखक और कलाकार अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। इस आयोजन में साहित्य, संस्कृति, कला और संवाद का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।

साहित्य आजतक: लखनऊ में पहली बार इतना भव्य आयोजन

‘साहित्य आजतक’ देश के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक आयोजनों में से एक है, जहां साहित्य के विभिन्न रूपों—कहानी, कविता, ग़ज़ल, उपन्यास, नाटक और पत्रकारिता—को मंच मिलता है। पहली बार लखनऊ इस मेगा इवेंट का गवाह बन रहा है। यह आयोजन न केवल साहित्य प्रेमियों को अपने पसंदीदा लेखकों और कवियों से मिलने का मौका देगा, बल्कि नए विचारों और बहसों को भी जन्म देगा।

शिरकत कर रही हैं ये हस्तियां

इस साहित्य महाकुंभ में कई नामचीन साहित्यकार और कलाकार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। कुछ प्रमुख हस्तियां जो इस आयोजन का हिस्सा बनी हैं:

  • जावेद अख्तर – मशहूर गीतकार और शायर
  • कुमार विश्वास – चर्चित कवि और वक्ता
  • अशोक चक्रधर – हिंदी साहित्य और हास्य कविता का बड़ा नाम
  • विनोद कापड़ी – वरिष्ठ पत्रकार और लेखक
  • सत्य व्यास – युवाओं में लोकप्रिय लेखक
  • नीलोत्पल मृणाल – समाज और साहित्य से जुड़े चर्चित लेखक
  • अनामिका जैन अम्बर – कवयित्री और साहित्यकार
  • राहत इंदौरी (श्रद्धांजलि सत्र) – उनकी शायरी को याद करने का विशेष कार्यक्रम

इसके अलावा भी कई प्रमुख साहित्यकार, पत्रकार और कलाकार इस आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं।

देखें पूरा शेड्यूल

साहित्य आजतक लखनऊ में तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें विभिन्न सत्र होंगे। हर दिन खास चर्चाओं, कवि सम्मेलनों और संवादों का आयोजन होगा।

पहला दिन (शुरुआती सत्र)

  • उद्घाटन सत्र में प्रसिद्ध साहित्यकारों और मेहमानों का संबोधन
  • “साहित्य का बदलता स्वरूप” – पैनल चर्चा
  • कवि सम्मेलन – कुमार विश्वास, अशोक चक्रधर और अन्य
  • उर्दू शायरी की शाम

दूसरा दिन

  • हिंदी बनाम क्षेत्रीय भाषाओं पर संवाद
  • “युवा साहित्यकारों की चुनौतियां” – युवा लेखकों का मंच
  • गीत और ग़ज़ल – जावेद अख्तर के साथ विशेष सत्र
  • “साहित्य और राजनीति” – वरिष्ठ पत्रकारों की चर्चा

तीसरा दिन (समापन समारोह)

  • महिला लेखकों के लिए विशेष सत्र
  • “भारतीय साहित्य का भविष्य” – प्रमुख विद्वानों का संवाद
  • मुशायरा और कवि सम्मेलन
  • समापन समारोह और सम्मान समारोह

लखनऊ में साहित्यिक उत्सव का माहौल

लखनऊ की नवाबी धरती पर साहित्य प्रेमियों के लिए यह आयोजन किसी महाकुंभ से कम नहीं है। इसमें न केवल साहित्य से जुड़े लोग, बल्कि आम लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

निष्कर्ष

‘साहित्य आजतक’ का यह आयोजन लखनऊ में साहित्य, कला और संवाद का एक नया इतिहास रचने वाला है। यह मंच साहित्यकारों, कवियों और पाठकों के बीच संवाद स्थापित करने का एक बेहतरीन अवसर है। अगर आप साहित्य प्रेमी हैं, तो इस आयोजन को मिस न करें!

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