पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 फरवरी।
महाराष्ट्र के पुणे में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस परिषद में गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से गृह मंत्रालय के अंतर्गत अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय इस बैठक का आयोजन कर रहा है।

बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख नेता और अधिकारी

इस बैठक में शामिल होने के लिए सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक और प्रत्येक राज्य के दो वरिष्ठ मंत्री उपस्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, सलाहकार, वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, अंतरराज्यीय परिषद सचिवालय के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे।

क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका और महत्व

वर्ष 1957 में राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 15-22 के तहत पांच क्षेत्रीय परिषदों का गठन किया गया था। गृह मंत्री इन सभी परिषदों के अध्यक्ष होते हैं, जबकि संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक इसके सदस्य होते हैं। हर क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों के मुख्यमंत्री बारी-बारी से इसके उपाध्यक्ष बनते हैं। इसके अलावा, प्रत्येक राज्य के दो और मंत्री, जिन्हें राज्यपाल नामित करते हैं, परिषद के सदस्य होते हैं। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद के तहत मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति भी गठित की गई है।

सहकारी संघवाद की दिशा में एक मजबूत पहल

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सहकारी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद को देश के समग्र विकास का महत्वपूर्ण आधार माना है। उनका मानना है कि मजबूत राज्य ही एक मजबूत राष्ट्र की नींव रखते हैं। इसी भावना के तहत क्षेत्रीय परिषदें नियमित संवाद और चर्चा के माध्यम से राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करती हैं।

गृह मंत्री श्री अमित शाह भी सहकारी संघवाद को प्रोत्साहित करने और केंद्र तथा राज्यों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने पर जोर दे रहे हैं। मोदी सरकार में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका केवल एक सलाहकार मंच से आगे बढ़ाकर उन्हें प्रभावी निर्णय लेने वाला एक्शन प्लेटफॉर्म बना दिया गया है। पिछले वर्ष सभी पांच क्षेत्रीय परिषदों की स्थायी समितियों की बैठकें (दक्षिणी परिषद को छोड़कर) सफलतापूर्वक आयोजित की गई थीं।

बैठक के मुख्य मुद्दे

पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की इस बैठक में केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के आपसी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य विवादों का समाधान निकालना और क्षेत्रीय स्तर पर समन्वय बढ़ाना होता है।

कुछ महत्वपूर्ण विषय जो इस बैठक में चर्चा का हिस्सा होंगे:

  • महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की तेजी से जांच और फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSCs) की स्थापना
  • प्रत्येक गाँव में 5 किलोमीटर की सीमा में बैंक या इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शाखाओं की सुविधा
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS-112) का प्रभावी कार्यान्वयन
  • बुनियादी ढांचे से जुड़े विषय, खनन, पर्यावरण एवं वन, खाद्य सुरक्षा मानक और अन्य क्षेत्रीय महत्व के विषय

राष्ट्रीय महत्व के विषय भी होंगे चर्चा में

इसके अतिरिक्त, कुछ ऐसे राष्ट्रीय महत्व के विषय भी हैं जो क्षेत्रीय परिषद की बैठक में चर्चा का केंद्र बनेंगे:

  • बिजली व्यवस्था और शहरी मास्टर प्लान
  • पोषण अभियान के तहत बच्चों में कुपोषण को समाप्त करने के प्रयास
  • स्कूली बच्चों की ड्रॉपआउट दर को कम करने की रणनीति
  • सरकारी अस्पतालों की भागीदारी को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बढ़ाने पर विचार
  • प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को सशक्त बनाने के उपाय

निष्कर्ष

पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की यह 27वीं बैठक केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को और मजबूत बनाने में एक अहम भूमिका निभाएगी। सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिबद्धता को देखते हुए, यह बैठक विभिन्न महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों और योजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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