BJP-Congress में USAID फंडिंग कटौती को लेकर तकरार, पूर्व USAID इंडिया प्रमुख वीणा रेड्डी की भूमिका पर सवाल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22 फरवरी।
अमेरिका द्वारा भारत में मतदाता टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए गए $21 मिलियन (लगभग 175 करोड़ रुपये) की सहायता को रद्द करने के फैसले को लेकर भारतीय राजनीति में घमासान मच गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ गई है

बीजेपी ने इसे भारत के चुनावी मामलों में विदेशी हस्तक्षेप का प्रमाण बताया, जबकि कांग्रेस ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को ‘बेबुनियाद’ करार दिया

वीणा रेड्डी की भूमिका पर सवाल

इस पूरे विवाद के केंद्र में पूर्व USAID इंडिया प्रमुख वीणा रेड्डी का नाम भी आ गया है। बीजेपी ने सवाल उठाया है कि क्या वीणा रेड्डी की भूमिका इस फंडिंग में अहम रही?

कौन हैं वीणा रेड्डी?

  • वीणा रेड्डी आंध्र प्रदेश में जन्मी एक अमेरिकी राजनयिक हैं।
  • वे USAID (संयुक्त राज्य अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी) में एक फॉरेन सर्विस अधिकारी हैं।
  • वर्तमान में कंबोडिया में USAID मिशन निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
  • 2021 से 2024 तक वे भारत और भूटान के लिए USAID की मिशन डायरेक्टर थीं।
  • इससे पहले वे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, हैती सहित कई देशों में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं
  • वे कोलंबिया यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से जुरिस डॉक्टर (J.D.) डिग्री प्राप्त कर चुकी हैं और न्यूयॉर्क व लॉस एंजेलिस में कॉर्पोरेट अटॉर्नी के रूप में भी काम कर चुकी हैं।

अमेरिकी सहायता विवाद: क्या है पूरा मामला?

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडन प्रशासन पर भारत के चुनावों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया

  • ट्रंप ने कहा कि USAID द्वारा भारत में चुनाव से जुड़ी गतिविधियों के लिए $21 मिलियन की फंडिंग मंजूर की गई थी
  • उन्होंने आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य भारतीय राजनीति को प्रभावित करना और “किसी और को सत्ता में लाना” था
  • हालांकि, अमेरिकी सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह फंडिंग किन भारतीय संस्थाओं को दी गई थी

BJP और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

  • BJP ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा और कहा कि विदेशी फंडिंग के जरिए भारत की चुनावी प्रक्रिया में दखल दिया जा रहा था
  • कांग्रेस ने इसे नकारते हुए कहा कि ट्रंप के बयान “निराधार” हैं और इस मामले को बेवजह राजनीतिक रंग दिया जा रहा है
  • बीजेपी ने यह भी मांग की कि सरकार को USAID की भारत में सभी गतिविधियों की जांच करनी चाहिए

बांग्लादेश में भी USAID फंडिंग पर सवाल

  • रिपोर्ट्स के अनुसार, USAID ने 2022 में बांग्लादेश के लिए $21 मिलियन मंजूर किए थे, जिसमें से $13.4 मिलियन की राशि पहले ही वितरित हो चुकी थी
  • बांग्लादेश में USAID की भूमिका को लेकर भी कई सवाल उठे हैं, खासकर शेख हसीना सरकार के खिलाफ कथित विदेशी दखल को लेकर

क्या होगा आगे?

  • भारतीय एजेंसियां अब USAID फंडिंग के पूरे मामले की जांच कर रही हैं
  • इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में और राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिल सकती है
  • यह मामला भारत-अमेरिका संबंधों पर भी असर डाल सकता है, क्योंकि यह भारत की चुनावी संप्रभुता और विदेशी संगठनों के हस्तक्षेप का मुद्दा बन चुका है
कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.