शिवसेना नेता संजय निरुपम का बड़ा आरोप: मुंबई में ‘हाउसिंग जिहाद’ की साजिश

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22 फरवरी।
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने मुंबई में ‘हाउसिंग जिहाद’ का गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से इस मामले की SIT जांच की मांग की है। उनका कहना है कि कुछ मुस्लिम बिल्डर योजनाबद्ध तरीके से अपनी सोसायटी में मुसलमानों की आबादी बढ़ा रहे हैं, जिससे हिंदू वहां फ्लैट नहीं खरीद सकते।

क्या है ‘हाउसिंग जिहाद’ का आरोप?

संजय निरुपम के अनुसार, मुंबई की डेमोग्राफी (जनसंख्यकीय संरचना) को बदलने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बिल्डर जानबूझकर हिंदुओं को संपत्ति खरीदने से रोक रहे हैं और उनकी जगह मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही फ्लैट उपलब्ध करा रहे हैं।

उनका कहना है कि कुछ इलाकों में यह ‘हाउसिंग जिहाद’ इतना बढ़ गया है कि वहां हिंदू परिवार बसने में असहज महसूस करने लगे हैं।

सरकारी योजनाओं में बांग्लादेशियों के नाम?

निरुपम ने यह भी दावा किया कि सरकारी योजनाओं में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम जोड़े जा रहे हैं, जिससे मुंबई की जनसंख्या संरचना को बदला जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि बिल्डरों को इस काम में कुछ सरकारी अधिकारियों का भी सहयोग मिल रहा है, जिससे वे आसानी से अवैध घुसपैठियों को कानूनी दस्तावेज मुहैया करवा रहे हैं

SIT जांच की मांग

संजय निरुपम ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस मामले की SIT जांच कराने की मांग की है ताकि हाउसिंग सेक्टर में हो रही इस तरह की गड़बड़ियों की सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह की गतिविधियां जारी रहीं तो आने वाले वर्षों में मुंबई की धार्मिक और सामाजिक संरचना पूरी तरह बदल सकती है।

राजनीतिक मायने और प्रतिक्रिया

उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में नई बहस छिड़ गई है। विरोधी दलों ने इसे ध्रुवीकरण की राजनीति बताया है, जबकि कुछ हिंदू संगठनों ने संजय निरुपम के बयान का समर्थन किया और SIT जांच की मांग को उचित ठहराया।

निष्कर्ष

यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या SIT जांच की मांग को स्वीकार किया जाता है या नहीं। वहीं, इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है, जिससे मुंबई की हाउसिंग पॉलिसी और डेमोग्राफिक चेंज पर एक नई बहस छिड़ गई है।

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