भिक्षु संघसेन ने ‘ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑफ मेडिटेशन लीडर्स’ में दिया प्रेरणादायी संबोधन

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24 फरवरी।
भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित “ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑफ मेडिटेशन लीडर्स” में भिक्षु संघसेन ने ध्यान और शांति पर जोर देते हुए प्रेरणादायी संबोधन दिया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन बुद्ध सीईओ क्वांटम फाउंडेशन और पिरामिड मेडिटेशन चैनल हिंदी द्वारा विभिन्न संगठनों, जिनमें एमआईएमसी (MIMC) भी शामिल है, के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने किया, जिसमें विश्वभर से ध्यान के अग्रणी नेताओं ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य ध्यान के महत्व पर विचार-विमर्श करना और इसे सामाजिक परिवर्तन व विश्व शांति के एक प्रभावी माध्यम के रूप में स्थापित करना है।

ध्यान से मिलती है शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति

अपने संबोधन में भिक्षु संघसेन ने ध्यान को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण का एक प्रभावशाली साधन बताया। उन्होंने कहा कि विश्व ध्यान दिवस (World Meditation Day) की मान्यता इस पद्धति की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाती है और इस विषय पर अधिक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।

उन्होंने ध्यान के सार्वभौमिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह किसी एक धर्म, जाति या संस्कृति तक सीमित नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए एक सीधा मार्ग प्रदान करता है, जो बुद्ध के शिक्षाओं के अनुरूप सत्य और आंतरिक शांति की ओर ले जाता है।

आंतरिक शुद्धता से ही संभव है सच्ची शांति

भिक्षु संघसेन ने बल देते हुए कहा कि वास्तविक शांति केवल मन की शुद्धि के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भौतिक विकास मात्र से मानवता की आंतरिक अशांति समाप्त नहीं हो सकती। इसके लिए ध्यान और आत्मिक संतुलन की आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि ध्यान आधुनिक समय की चुनौतियों से निपटने में कैसे सहायक हो सकता है। ध्यान तनाव मुक्ति, स्पष्ट सोच और भावनात्मक संतुलन प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति आंतरिक शक्ति और ज्ञान प्राप्त कर सकता है।

ध्यान से बनेगा अधिक शांतिपूर्ण और करुणामय विश्व

भिक्षु संघसेन ने इस बात पर भी जोर दिया कि ध्यान केवल व्यक्तिगत स्तर पर आत्मिक शांति लाने का साधन नहीं है, बल्कि वैश्विक सद्भाव और करुणा को बढ़ावा देने का एक प्रमुख माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि यदि अधिक से अधिक लोग ध्यान को अपनाएँ, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव होगा, जिससे विश्व एक अधिक शांतिपूर्ण और सहानुभूतिपूर्ण स्थान बन सकेगा।

सम्मेलन में वैश्विक ध्यान विशेषज्ञों की भागीदारी

यह सम्मेलन ध्यान के क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठित वक्ताओं, अभ्यासकर्ताओं और वैश्विक नेताओं की उपस्थिति में जारी है, जो ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण के लिए उपयोग करने पर विचार साझा कर रहे हैं।

यह आयोजन ध्यान के माध्यम से विश्व शांति, मानसिक सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है।

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