पोप फ्रांसिस की बिगड़ती हालत और ईसाई मिशनरियों की कथित चंगाई शक्ति पर सवाल

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24 फरवरी।
वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। वहीं, भारत में सक्रिय हजारों ईसाई मिशनरियां चंगाई सभाओं का आयोजन कर हिंदुओं की असाध्य बीमारियों को चमत्कारिक रूप से ठीक करने का दावा कर रही हैं। इस परिस्थिति में एक गंभीर प्रश्न उठता है— यदि ये मिशनरियां वास्तव में किसी भी बीमारी को चंगाई शक्ति से ठीक कर सकती हैं, तो वे अपने सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को बचाने के लिए वेटिकन क्यों नहीं जातीं?

मिशनरियों के दावों की पोल खुलती है?

भारत में ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रायोजित चंगाई सभाएं हिंदू समाज में लंबे समय से विवाद का विषय रही हैं। वे दावा करते हैं कि वे हिंदुओं की असाध्य बीमारियों को प्रार्थना और चंगाई शक्ति से ठीक कर सकते हैं। लेकिन जब मदर टेरेसा की तबीयत बिगड़ी थी, तब वे उन्हें क्यों नहीं बचा सके? जब वेटिकन सिटी में स्वयं पोप फ्रांसिस की स्थिति गंभीर है, तो उनकी चंगाई शक्तियां उनके अपने धर्मगुरु के लिए क्यों बेअसर साबित हो रही हैं?

क्या मिशनरियों को वेटिकन कूच करना चाहिए?

यदि भारत की ईसाई मिशनरियों के पास सच में चंगाई करने की शक्ति है, तो उन्हें वेटिकन जाना चाहिए और अपने पोप को स्वस्थ करने का प्रयास करना चाहिएयदि वे वेटिकन नहीं जाते, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे मात्र एक छलावा कर रहे हैं और उनका असली उद्देश्य भोले-भाले हिंदुओं को गुमराह कर उनका जबरन धर्मांतरण कराना है।

हिंदू समाज के लिए संदेश

यदि मिशनरियों का उद्देश्य सिर्फ सेवा करना होता, तो वे निष्पक्ष रूप से सभी बीमार लोगों की मदद करते, चाहे वह किसी भी धर्म के हों। लेकिन यदि वे पोप फ्रांसिस को नहीं बचा सकते, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि उनका दावा महज एक ढोंग है और वे झूठे चमत्कारों के नाम पर हिंदू समाज को धर्मांतरण की ओर धकेल रहे हैं

वेटिकन को अवैध धर्मांतरण पर माफी मांगनी चाहिए

भारत में धोखे और छल से किए जा रहे धर्मांतरण को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। संपूर्ण चर्च को इन गतिविधियों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए और वेटिकन को हिंदू समाज से अपने किए की क्षमा याचना करनी चाहिए

निष्कर्ष

यदि मिशनरियों के पास वास्तव में चंगाई करने की शक्ति होती, तो वे आज पोप फ्रांसिस को बचाने के लिए वेटिकन पहुंच चुके होते। लेकिन चूंकि वे ऐसा नहीं कर रहे, इसका मतलब साफ है कि उनके दावे झूठे हैं। अब समय आ गया है कि हिंदू समाज इन चालाकियों को समझे और इनके खिलाफ आवाज उठाए

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