राष्ट्र को वैभवशाली बनाने के लिए पंच परिवर्तन को समाज तक पहुँचाना आवश्यक – वी. शांता कुमारी जी

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समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी,24 फरवरी।
राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी. शांता कुमारी जी ने कहा कि “विश्वकल्याण की कामना रखने वाली हिन्दू जीवन शैली केवल विचारों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे अपने आचरण में उतारना आवश्यक है।” वे गुवाहाटी के आईआईटी परिसर में आयोजित सेविका समिति की अखिल भारतीय बैठक के समापन सत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं।

राष्ट्र के वैभव के लिए पंच परिवर्तन आवश्यक

उन्होंने कहा कि राष्ट्र को वैभवशाली बनाने के लिए पंच परिवर्तन के विषयों को अपनाना और समाज तक पहुँचाना आवश्यक है। ये पंच परिवर्तन हैं:

  1. स्वबोध (आत्मचेतना)
  2. कुटुम्ब प्रबोधन (परिवार जागरण)
  3. सामाजिक समरसता (सामूहिक एकता)
  4. पर्यावरण संरक्षण
  5. नागरिक कर्तव्य का निर्वहन

वी. शांता कुमारी जी ने कहा कि इन पाँचों बिंदुओं को व्यक्तिगत जीवन में अपनाते हुए समाज में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना होगा। उन्होंने इस कार्य को प्रभावी बनाने के लिए स्वयं का SWOT (ताकत, कमजोरी, अवसर और चुनौतियों का विश्लेषण) करने और कार्य को दृढ़ता से आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

बैठक में सेविका समिति की कार्ययोजना पर चर्चा

22 फरवरी से गुवाहाटी के आईआईटी परिसर में आयोजित दो दिवसीय बैठक में संपूर्ण भारत के 34 प्रांतों से 108 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में समिति की प्रमुख कार्यवाहिका ए. सीता जी ने संगठन की वर्तमान स्थिति, संपन्न किए गए विशेष कार्यक्रमों और भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कार्य को और अधिक विस्तारित करने पर बल देना आवश्यक है।

महापुरुषों के प्रेरणादायी जीवन को समाज तक पहुँचाने की योजना

बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष संत नामदेव की 675वीं पुण्यतिथि, रानी दुर्गावती की 501वीं जयंती और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को विशेष रूप से मनाया जाएगा। इन महापुरुषों के विचारों और प्रेरणादायी जीवन चरित्र को समाज के सामने लाकर उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने पर जोर दिया गया।

सेविका समिति के राष्ट्रव्यापी सेवा कार्य

बैठक में यह भी बताया गया कि राष्ट्र सेविका समिति पूरे देश में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है

  • वर्तमान में समिति की 4125 शाखाएँ कार्यरत हैं।
  • 1042 जिलों में से 834 जिलों में समिति सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।
  • देशभर में 1799 सेवा कार्य संचालित किए जा रहे हैं।

बैठक में अखिल भारतीय स्तर की विभिन्न कार्यकर्ताओं ने मार्गदर्शन प्रदान किया। सभी प्रतिनिधियों ने समाज सुधार और राष्ट्र निर्माण के लिए पंच परिवर्तन को अपने कार्यों में प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।

निष्कर्ष

राष्ट्र सेविका समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए पंच परिवर्तन आवश्यक हैं। स्वबोध, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक कर्तव्य का निर्वहन, ये पाँच पहलू समाज को सशक्त और संगठित करने के लिए आधारशिला हैं। समिति द्वारा प्रस्तावित योजनाएँ न केवल समाज जागरूकता को बढ़ावा देंगी, बल्कि राष्ट्र को वैभवशाली और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।

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