IGI एयरपोर्ट पर विदेशी वन्यजीवों की तस्करी का भंडाफोड़, कस्टम विभाग ने तीन भारतीय यात्रियों को पकड़ा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,25 फरवरी।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने विदेशी वन्यजीवों की तस्करी के बड़े मामले का भंडाफोड़ किया है। विभाग ने तीन भारतीय यात्रियों को गिरफ्तार किया, जो थाईलैंड (बैंकॉक) से फ्लाइट AI 303 से रात 1:35 बजे पहुंचे थे। ये यात्री दुर्लभ और संरक्षित विदेशी जीवों की तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे।

जांच के दौरान बैग से निकले दुर्लभ जीव

कस्टम अधिकारियों को यात्रियों के व्यवहार पर संदेह हुआ, जिसके बाद उनके चेक-इन बैग की गहन जांच की गई। इस दौरान कई दुर्लभ विदेशी वन्यजीव बरामद हुए, जिनमें सांप, छिपकलियां और अन्य छोटे जीव शामिल थे।

जब्त किए गए वन्यजीवों की सूची:

सांप:

  • कॉर्न स्नेक – 5
  • मिल्क स्नेक – 8
  • बॉल पाइथन – 9

छिपकलियां:

  • बीयर्डेड ड्रैगन – 4
  • क्रेस्टेड गेको – 7
  • कैमरून ड्वार्फ गेको – 11
  • गेको – 1

अन्य जीव:

  • मिलीपीड – 14
  • मकड़ी – 1

कस्टम विभाग की त्वरित कार्रवाई

तस्करी के इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कस्टम विभाग ने तुरंत कार्रवाई की और सभी वन्यजीवों को जब्त कर लिया। तीनों यात्रियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा, इस मामले की विस्तृत जांच के लिए वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) और अन्य संबंधित एजेंसियों को सूचना दे दी गई है।

भारत में विदेशी जीवों की तस्करी का बढ़ता नेटवर्क

भारत में विदेशी वन्यजीवों की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। तस्कर मुख्य रूप से दुर्लभ सांप, छिपकलियां, पक्षी और अन्य जीवों को अवैध रूप से भारत लाकर काले बाजार में बेचने की कोशिश करते हैं। इन जीवों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग होती है, खासकर पालतू जानवरों के शौकीनों और अवैध व्यापारियों के बीच।

वन्यजीव संरक्षण कानून और सख्त कार्रवाई की जरूरत

भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियों की तस्करी अवैध मानी जाती है। यदि दोष सिद्ध होता है, तो तस्करों को भारी जुर्माना और 7 साल तक की सजा हो सकती है।

निष्कर्ष

IGI एयरपोर्ट पर हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत में वन्यजीव तस्करों का नेटवर्क सक्रिय है। कस्टम विभाग और अन्य एजेंसियों की सतर्कता से इस बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ। आगे की जांच के बाद इस तस्करी से जुड़े अन्य लोगों का भी खुलासा हो सकता है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस पर और सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि दुर्लभ वन्यजीवों की तस्करी को पूरी तरह रोका जा सके।

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