समग्र समाचार सेवा
रायपुर,27 फरवरी। छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में भीषण आग लगने से वन संपदा और जैव विविधता को भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गए।
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रायपुर,27 फरवरी। छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में भीषण आग लगने से वन संपदा और जैव विविधता को भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गए।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस आग की भयावहता के बावजूद वन विभाग का अमला घटना से पूरी तरह अनजान रहा। जब स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों ने इसकी सूचना दी, तब जाकर प्रशासन हरकत में आया।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर वन विभाग समय रहते आग बुझाने की कोशिश करता, तो इसे रोका जा सकता था। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और सुस्त रवैये के कारण आग फैलती चली गई।
ग्रामीणों ने बताया कि आग लगने की शुरुआती सूचना वन विभाग को दी गई थी, लेकिन कोई त्वरित कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते आग जंगल के बड़े हिस्से में फैल गई।
मामले पर जब वन विभाग के अधिकारियों से सवाल किया गया, तो उन्होंने गर्मी और सूखे मौसम को आग लगने की वजह बताया। विभाग का कहना है कि तेज़ हवाओं के कारण आग तेजी से फैली, जिससे उसे काबू पाने में मुश्किल आई।
हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वन विभाग चौकसी बरतता और सही समय पर फायर फाइटिंग टीम को भेजता, तो नुकसान को कम किया जा सकता था।
छत्तीसगढ़ के जंगलों में लगी भीषण आग ने वन्य जीवन और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया है। वन विभाग की अनदेखी और धीमी प्रतिक्रिया ने इस आपदा को और विकराल बना दिया। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और वन विभाग इस मामले पर क्या ठोस कदम उठाते हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।