महाशिवरात्रि पर त्रिवेणी संगम में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, महाकुंभ के अंतिम स्नान में करोड़ों ने लगाई डुबकी

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समग्र समाचार सेवा
प्रयागराज,27 फरवरी।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु बुधवार को त्रिवेणी संगम में अंतिम महाकुंभ स्नान के लिए एकत्र हुए। यह आयोजन 2025 के महाकुंभ का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण स्नान माना जा रहा है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर श्रद्धालु आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त कर रहे हैं।

ड्रोन से ली गई तस्वीरों में संगम तट पर अपार जनसैलाब देखा गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रात 2 बजे तक 11.66 लाख, सुबह 4 बजे तक 25.64 लाख, और 6 बजे तक यह संख्या बढ़कर 41.11 लाख पहुंच गई। अधिकारियों का अनुमान है कि दिन समाप्त होने तक 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस पावन स्नान में शामिल हो चुके होंगे।

महाकुंभ 2025 के प्रमुख स्नान पर्व

इस महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के अमृत स्नान से हुई थी। इसके बाद प्रमुख स्नान पर्व इस प्रकार रहे:

  • 14 जनवरी: मकर संक्रांति स्नान
  • 29 जनवरी: मौनी अमावस्या स्नान
  • 3 फरवरी: वसंत पंचमी स्नान
  • 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा स्नान
  • 26 फरवरी: महाशिवरात्रि (अंतिम स्नान)

महाकुंभ के भव्य समापन के लिए व्यापक इंतजाम

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज जिला प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है। रेलवे और हवाईअड्डा प्रशासन के साथ समन्वय कर यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाया गया है। प्रयागराज के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मंदार ने बताया कि ट्रैफिक और पार्किंग व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।

इसके अलावा, निरंजनी अखाड़ा, अहवान अखाड़ा, और जूना अखाड़ा सहित प्रमुख संन्यासी अखाड़ों ने इस महाकुंभ स्नान में भाग लिया।

महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व

महाशिवरात्रि को “शिव की महा रात्रि” कहा जाता है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष महाशिवरात्रि और महाकुंभ स्नान का संयोग श्रद्धालुओं के लिए विशेष आध्यात्मिक अनुभव लेकर आया।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को बताया ‘मानवता का महापर्व’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ स्नान की भव्यता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया:

“आज 1.30 करोड़ से अधिक और अब तक 63.36 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज महाकुंभ-2025 में त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया है। यह भारत की आस्था और सनातन संस्कृति की एकता का जीवंत प्रतीक है। इस पवित्र महायज्ञ में भाग लेने वाले सभी संतों और श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई! जय माँ गंगे!”

निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 का यह अंतिम स्नान श्रद्धा, भक्ति और सनातन संस्कृति के अद्भुत संगम का प्रतीक बन गया है। गंगा के पावन जल में आस्था की डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं ने आत्मिक शुद्धि प्राप्त की और भगवान शिव की आराधना में लीन हो गए। प्रशासन के कुशल प्रबंधन और श्रद्धालुओं के उत्साह ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।

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