बिहार: थम नहीं रहा विवाद, अब सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को बताया ‘बउआ’

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6 मार्च।
बिहार की सियासत में जुबानी जंग लगातार तीखी होती जा रही है। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ‘बउआ’ कहकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है और 2025 के विधानसभा चुनाव की रणनीतियां बन रही हैं।

‘बउआ’ कहने पर मचा सियासी घमासान

सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को ‘बउआ’ (बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) कहकर उनकी राजनीतिक समझ और अनुभव पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी सिर्फ विरासत की राजनीति कर रहे हैं और बिना किसी संघर्ष के सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं।

सम्राट चौधरी ने कहा,
“तेजस्वी यादव सिर्फ अपने पिता लालू प्रसाद यादव की विरासत के सहारे राजनीति कर रहे हैं। उनके पास न तो कोई प्रशासनिक अनुभव है और न ही कोई राजनीतिक परिपक्वता। वह सिर्फ बउआ हैं, जिन्हें राजनीति का क, ख, ग भी नहीं पता।”

राजद ने किया पलटवार

सम्राट चौधरी के इस बयान पर राजद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इसे तेजस्वी यादव का अपमान बताया और कहा कि भाजपा मुद्दों से भटकाने की राजनीति कर रही है। राजद प्रवक्ता ने कहा,
“तेजस्वी यादव बिहार के युवाओं के सबसे बड़े नेता हैं। उन्हें ‘बउआ’ कहकर संबोधित करना भाजपा नेताओं की हताशा को दिखाता है। बिहार के लोग समझ चुके हैं कि असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा इस तरह की बयानबाजी कर रही है।”

सम्राट चौधरी और तेजस्वी यादव की पुरानी तकरार

यह पहली बार नहीं है जब सम्राट चौधरी और तेजस्वी यादव के बीच जुबानी जंग हुई है। इससे पहले भी दोनों नेता कई बार एक-दूसरे पर तीखे शब्दों में हमले कर चुके हैं।

  • तेजस्वी यादव ने सम्राट चौधरी को “बिहार की राजनीति का नौसिखिया” बताया था।
  • सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘पलटी मार’ रवैये को लेकर भी तेजस्वी पर निशाना साधा था, क्योंकि तेजस्वी पहले नीतीश के समर्थन में थे और अब विरोध में।
  • राजद नेताओं ने सम्राट चौधरी को “बाहरी नेता” कहकर भी हमला बोला था।

बिहार में सियासत का नया दौर

बिहार की राजनीति में इस तरह के विवाद नए नहीं हैं। खासकर जब चुनाव नजदीक आते हैं, तो राजनीतिक बयानबाजियां और ज्यादा आक्रामक हो जाती हैं।

सम्राट चौधरी, जो हाल ही में भाजपा की बिहार इकाई के प्रमुख बने हैं, पार्टी को मजबूत करने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं। वहीं, तेजस्वी यादव खुद को युवा नेतृत्व के रूप में पेश कर रहे हैं और आगामी चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रहे हैं।

निष्कर्ष

सम्राट चौधरी और तेजस्वी यादव के बीच यह बयानबाजी केवल व्यक्तिगत हमला नहीं है, बल्कि बिहार की बदलती राजनीतिक दिशा का संकेत है। भाजपा और राजद दोनों ही अपने-अपने समर्थकों को लामबंद करने के लिए तीखे हमले कर रहे हैं। हालांकि, बिहार के आम लोगों के लिए असली सवाल यह है कि क्या यह राजनीतिक बयानबाजी उनके बुनियादी मुद्दों – रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास – पर कोई असर डाल पाएगी या नहीं।

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