सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे परियोजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6 मार्च।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे परियोजना के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना “राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना” के तहत विकसित की जाएगी और डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल पर आधारित होगी। इस परियोजना की कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपये होगी।

तीर्थयात्रियों के लिए वरदान बनेगा रोपवे

केदारनाथ धाम की यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है। वर्तमान में, श्रद्धालु गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई पैदल, खच्चरों, डोलियों या हेलिकॉप्टर सेवा के माध्यम से पूरी करते हैं। प्रस्तावित रोपवे इस यात्रा को मात्र 36 मिनट में पूरा कर देगा, जिससे तीर्थयात्रियों को सुविधा और समय की बचत होगी। इस परियोजना से न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान कम होगा, क्योंकि इससे पैदल मार्ग पर भीड़ कम होगी और पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षण मिलेगा।

आधुनिक तकनीक से लैस होगी रोपवे प्रणाली

यह रोपवे सबसे उन्नत ट्राई-कैबल डिटैचेबल गोंडोला (3S) तकनीक पर आधारित होगा, जिससे यह अधिक सुरक्षित, तेज़ और कुशल बनेगा। इसकी डिज़ाइन क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा 1,800 यात्री होगी, यानी प्रतिदिन लगभग 18,000 यात्री इसका लाभ उठा सकेंगे। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत इसे विकसित किया जाएगा।

रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा

इस रोपवे परियोजना के निर्माण और संचालन के दौरान बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, इससे जुड़े पर्यटन, होटल, परिवहन और खान-पान जैसे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। यह रोपवे परियोजना न केवल तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि यह हिमालयी क्षेत्रों के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास में भी सहायक होगी। सरकार इस परियोजना के माध्यम से आखिरी छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने और तेजी से आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

केदारनाथ धाम: आस्था और श्रद्धा का केंद्र

केदारनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से 3,583 मीटर (11,968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है और यह देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह पवित्र धाम अक्षय तृतीया (अप्रैल-मई) से दीपावली (अक्टूबर-नवंबर) तक लगभग 6-7 महीनों के लिए खुला रहता है। हर साल यहां करीब 20 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

निष्कर्ष

सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे परियोजना न केवल तीर्थयात्रियों की कठिनाइयों को कम करेगी, बल्कि स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी। सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के विकास और पहाड़ी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुधारने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण प्रयास है।

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