खालिस्तानी प्रचार ने नया निम्नतम स्तर छुआ: SFJ ने भारत पर लगाए आतंकवादी हमले के आरोप

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,14 मार्च।
खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने फिर से भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस बार, इस संगठन ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में हुए ‘जफर एक्सप्रेस’ आतंकी हमले में भारत की भूमिका होने का आरोप लगाया है। इस आरोप ने पूरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को झटका दिया है, क्योंकि इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जानें गई थीं।

SFJ ने दावा किया है कि भारत की खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस हमले के मास्टरमाइंड थे। संगठन ने यह आरोप भी लगाया कि यह हमलावर भारत द्वारा चलाए गए एक व्यापक रणनीतिक प्रयास का हिस्सा थे, जो पाकिस्तान में अस्थिरता फैलाने के लिए किए गए थे।

यह आरोप पूरी तरह से बेतुका और आधारहीन है, क्योंकि जफर एक्सप्रेस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पहले ही बलूचिस्तान के अलगाववादी समूहों ने ली थी। SFJ द्वारा भारत पर आरोप लगाने का मकसद केवल खालिस्तानी आंदोलन को वैश्विक मंच पर उभारना और अपने उद्देश्य के लिए समर्थन जुटाना हो सकता है। इस संगठन के प्रमुख, गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो पहले भी भारत विरोधी गतिविधियों के लिए विवादों में रहे हैं, ने अपने बयान में पश्चिमी खुफिया एजेंसियों से अपील की है कि वे अजीत डोभाल और RAW के खिलाफ कार्रवाई करें। यह बयान किसी भी तथ्यों पर आधारित नहीं है और सिर्फ सिख समुदाय के नाम पर आतंकवादी प्रचार का एक हिस्सा है।

भारत सरकार ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह आरोप पूरी तरह से झूठे और नकारात्मक मंशा से भरे हुए हैं। भारत ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं है, और हम किसी भी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हमेशा खड़े रहते हैं।” इसके अलावा, भारत ने SFJ के इस बयान को उनके आतंकवादी कृत्यों के समर्थन के रूप में देखा है और इसे खालिस्तानी आतंकवाद की बढ़ती सक्रियता का हिस्सा माना है।

SFJ का यह बयान न केवल भारत के खिलाफ एक और झूठी साजिश को जन्म देता है, बल्कि यह पाकिस्तान के भीतर भी आतंकवाद और अस्थिरता को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। इसके अलावा, SFJ का इस तरह का प्रचार भारतीय समाज को बांटने और खालिस्तानी एजेंडे को वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने के उद्देश्य से किया गया प्रतीत होता है।

इससे पहले भी SFJ ने कई बार भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विवादास्पद बयान दे चुका है, और ऐसे बयान दुनिया भर में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन चुके हैं। यह जैसा प्रकार के आधारहीन आरोपों द्वारा भारत की अंतर्राष्ट्रीय इक्रणा को भंग करने का प्रयास किया जाता है, जब भी SFJ का मुख्य उद्देश्य ही अपने खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा देना है।

भारत ने आपातकालीन स्थितियों के खतरों के खिलाफ अपनी रणनीति को अधिक मजबूत बनाया है और इस प्रकार के झूठे प्रसार के खिलाफ कठिन कदम उठाने का निश्चय कर लिया है।

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