CCI ने आयोजित की 10वीं राष्ट्रीय सम्मेलन, प्रतिस्पर्धा कानून की अर्थशास्त्र पर विमर्श

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नई दिल्ली, 17 मार्च 2025:भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने आज नई दिल्ली में प्रतिस्पर्धा कानून की अर्थशास्त्र पर 10वीं राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्री हर्ष मल्होत्रा, राज्य मंत्री, कार्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय थे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में CCI की अध्यक्ष, श्रीमती रवीनीत कौर ने विशेष संबोधन दिया। यह सम्मेलन 2016 से हर साल आयोजित किया जाता है, और इसमें प्रतिस्पर्धा कानून के अर्थशास्त्र से जुड़े विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और प्रैक्टिशनर्स को एक मंच पर लाया जाता है।

अपने उद्घाटन भाषण में, श्री हर्ष मल्होत्रा ने भारत की उच्च विकास दर को रेखांकित करते हुए प्रतिस्पर्धा कानून की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा कानून बाजारों में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने और समान अवसर प्रदान करने के लिए जरूरी है। उन्होंने MSME क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह क्षेत्र 80% विनिर्माण उत्पादन, 45% निर्यात और 30% GDP में योगदान करता है। इस संदर्भ में, उन्होंने CCI की सराहना की, जो प्रभुत्वशाली कंपनियों के दुरुपयोगी आचरण को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

श्री मल्होत्रा ने CCI के निर्णयों की सराहना की और कहा कि बाजारों की वास्तविक समय में निगरानी आवश्यक है। इसके अलावा, उन्होंने स्व-नियमन और अनुपालन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया और CCI को उद्योग संघों के साथ सहयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने युवाओं को विचार विमर्श में शामिल करने का महत्व भी बताया, ताकि नए दृष्टिकोण सामने आ सकें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नीतियों, योजनाओं और विनियमों में हितधारकों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखती है।

श्रीमती रवीनीत कौर, CCI की अध्यक्ष ने विशेष संबोधन में कहा कि बाजारों में तेजी से हो रहे नवाचारों और जटिल मुद्दों का समाधान करने के लिए नियामक एक गतिशील दृष्टिकोण अपना रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उल्लेख करते हुए कहा कि AI के युग में नियामकों को एलगोरिदमिक गठजोड़, छिपे हुए प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यवहार और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आगे रहना होगा। उन्होंने मार्केट स्टडीज की भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जो प्रतिस्पर्धा को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

उन्होंने 2023 में प्रतिस्पर्धा संशोधन अधिनियम की बात करते हुए कहा कि इस कानून के तहत कई नए नियमों को लागू किया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने 2024 में एंटीट्रस्ट और मर्जर प्रवर्तन के विकास के बारे में जानकारी दी। श्रीमती कौर ने कहा कि CCI निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, बाजार की अखंडता को सुनिश्चित करने और प्रवर्तन दक्षता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

सम्मेलन में उद्घाटन सत्र के अलावा, दो तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए। पहले सत्र का विषय था ‘डिजिटल डायनेमिक्स: मार्केट्स, कंपटीशन और इनोवेशन’, जबकि दूसरे सत्र में ‘मर्जर: संरचना, प्रतिस्पर्धा और समन्वय’ पर चर्चा की गई। पहले सत्र की अध्यक्षता डॉ. निशांत चड्ढा, नीति और अनुसंधान निदेशक, भारतीय स्कूल ऑफ बिजनेस ने की, जबकि दूसरे सत्र की अध्यक्षता डॉ. उदय भानु सिन्हा, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने की।

सम्मेलन का समापन ‘सेटलमेंट और कमिटमेंट विश्वास आधारित फास्ट-ट्रैक बाजार सुधार’ विषय पर एक पूर्ण सत्र के साथ हुआ, जिसे श्री प्रसांत कुमार रॉय, सीनियर सलाहकार, FTI कंसल्टिंग द्वारा मॉडरेट किया गया।

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