भारतीय राजनीति में सेकुलरिज़्म और तुष्टिकरण : रेखा गुप्ता और भाजपा की रणनीति

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 मार्च।
भारतीय राजनीति में सेकुलरिज़्म, तुष्टीकरण, और हिन्दुत्व की परिभाषाएँ समय-समय पर बदलती रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने लंबे समय तक हिंदू हितों को प्रमुखता दी है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने इस पार्टी की रणनीतियों को लेकर नई बहस शुरू कर दी है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जिनका हाल ही में इफ्तार पार्टी में शामिल होने का मामला सामने आया है, को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। उनकी इस पार्टी में शामिल होने की घटना और भाजपा की योजनाओं ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या भाजपा की राजनीतिक दृष्टि अब पूरी तरह से सेकुलरिज़्म की ओर बढ़ रही है? नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली में बिल्कुल सही मुख्यमंत्री का चुनाव किया। लंबे समय से दिल्ली में सत्ता न मिलने के कारण भाजपा हाय-हाय कर रही थी। हिंदू वोट केवल 34% से 39% तक मिल रहे थे। बाकी हिंदू वोटर या तो कांग्रेस के साथ थे या (बाद में) केजरीवाल के साथ। अंततः जैसे सोशल मीडिया के दबाव में दिल्ली में भाजपा का सपना पूरा हुआ। हिंदू एकजुट होकर भाजपा को वोट देने लगे। इसके बाद (कई लोग कहते हैं कि उस समय भाजपा में एक तेज-तर्रार नेता थी) रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। रेखा गुप्ता ने वामपंथी गिरोह की धारा में जाकर यह कहा कि “होली में पानी का खर्चा नहीं करना चाहिए”। उसके बाद कल एक बयान आया है भाजपा के नेता और मंत्री नितिन गडकरी का। उसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी। मोदी जी की भाषा में भारत कांग्रेस मुक्त हो चुका है, ऐसा मान लिया गया। लेकिन कांग्रेस की तरह ही हिंदू वोट लेकर ठीक उसी तरह मुस्लिम तुष्टिकरण कर रहा है भाजपा का नेतृत्व। भाजपा के नेता से लेकर पाली नेता तक इस मामले में पीछे नहीं हैं। क्या यह भी एक तरह की कांग्रेस की संस्कृति नहीं है?उनकी कार्यशैली में जो मिश्रित दृष्टिकोण दिखता है, वह खासतौर पर राजनीतिक दृष्टि से काफी चर्चा में रहा है। उनके द्वारा उठाए गए कुछ कदम, जैसे होली पर पानी बचाने का आग्रह और इफ्तार पार्टी में शिरकत करना, एक विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न करते हैं, जो उनकी विचारधारा के बारे में कई सवाल खड़े करता है। इन घटनाओं के माध्यम से यह सवाल उठता है कि क्या रेखा गुप्ता वास्तव में हिंदुत्व को अपने राजनीतिक एजेंडे में प्राथमिकता देती हैं, या उनकी कार्यशैली में कुछ और छिपा हुआ है।

बिना रोजा रखे “इफ्तार” ले रही हैं। और इफ्तार कहां किया? एक विवादित स्थान पर। दिल्ली में इस भवन का नाम है “इस्लामिक कल्चरल सेंटर”। यह भवन दिल्ली में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की ज़मीन पर सरकारी टके से अवैध रूप से बनवाया गया था सोनिया गांधी द्वारा कांग्रस के मनमोहन सिंह सरकार के शासनकाल में। ज़मीन का आवंटन अवैध तरीके से किया गया था। असल में इस भवन को इस ज़मीन से हटाया जाना चाहिए था, लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया। अब जा कर भाजपा इसी अवैध भवन में इफ्तार पार्टी कर रही है। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री गुप्ता जी हैं। साथ में शाह नवाज हुसैन समेत भाजपा के बड़े मुस्लिम नेता भी शामिल हैं। इफ्तार भी इलाही विधि का है।

खैर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बिल्कुल सही मुख्यमंत्री को दिल्ली में नियुक्त किया। एकदम कट्टर सेकुलर मुख्यमंत्री।

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