वोटर आईडी से लिंक होगा आधार कार्ड: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, फर्जी मतदान पर लगेगी रोक

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 मार्च।
देश में चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने और फर्जी मतदान पर लगाम लगाने के लिए चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब मतदाताओं को अपनी वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य होगा। इस फैसले का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली को रोकना और फेक वोटर आईडी के दुरुपयोग पर अंकुश लगाना है।

चुनाव आयोग ने हाल ही में अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि देशभर के मतदाताओं की पहचान को प्रमाणित करने के लिए वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। आयोग का मानना है कि इससे डुप्लीकेट वोटर आईडी और फर्जी मतदान की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा

चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“हमारी प्राथमिकता है कि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। कई मामलों में यह पाया गया है कि एक व्यक्ति के पास एक से अधिक मतदाता पहचान पत्र हैं या फिर फर्जी नामों से वोटर आईडी बनाई गई है। ऐसे में आधार लिंकिंग से सही मतदाता की पहचान सुनिश्चित होगी और चुनावों में पारदर्शिता बढ़ेगी।”

भारत में अब तक कई चुनावों में फर्जी मतदान और फेक वोटर आईडी का इस्तेमाल करके एक ही व्यक्ति द्वारा कई बार मतदान करने की घटनाएं सामने आई हैं। कई राज्यों में जांच के दौरान पाया गया कि कुछ मतदाता एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में पंजीकृत थे और अलग-अलग पहचान पत्रों का उपयोग कर मतदान कर रहे थे। इस समस्या को रोकने के लिए यह नया कदम उठाया गया है।

सरकार जल्द ही इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगी, जिसके तहत ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ा जा सकेगा

  1. ऑनलाइन प्रक्रिया: मतदाता चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने वोटर आईडी और आधार नंबर को लिंक कर सकेंगे।
  2. SMS के जरिए: निर्धारित नंबर पर अपना वोटर आईडी और आधार नंबर भेजकर भी इसे लिंक किया जा सकता है।
  3. ऑफलाइन प्रक्रिया: स्थानीय चुनाव कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म भरकर भी यह प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।
  4. डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन: चुनाव आयोग की टीम घर-घर जाकर भी यह सत्यापन कर सकती है।

हालांकि, इस फैसले के साथ कुछ गोपनीयता से जुड़ी चिंताएँ भी उठी हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आधार कार्ड को वोटर आईडी से लिंक करने से मतदाताओं की व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक होने का खतरा हो सकता है। हालांकि, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और यह प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय होगी

वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने का चुनाव आयोग का यह कदम लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है। इससे चुनावी धांधली को रोकने, फर्जी मतदाताओं को बाहर निकालने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। अब सरकार की ओर से इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाने बाकी हैं, जिसके बाद मतदाता अपने दस्तावेज़ों को लिंक कर सकेंगे।

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