मुंबई 25 मार्च –महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर किए गए विवादित बयान को लेकर कॉमेडियन कुणाल कामरा मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। खार पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजकर पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा है। यह मामला तब सामने आया जब कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया पर एकनाथ शिंदे के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। शिवसैनिकों ने कामरा के बयान को लेकर विरोध जताते हुए पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस बीच, मुंबई में बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) के अधिकारियों की एक टीम ने शहर के हेबिटेट हिस्से को ढहा दिया, जिसे लेकर अलग ही विवाद पैदा हो गया।कुणाल कामरा के विवादास्पद बयान के बाद खार पुलिस ने इस मामले में समन जारी कर उन्हें पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा। पुलिस ने उन्हें एकनाथ शिंदे के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर पूछताछ के लिए बुलाया है। शिंदे पर की गई इस टिप्पणी से शिवसेना के कार्यकर्ता भड़क गए हैं और इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शिवसेना ने अपने बयान में कहा कि कुणाल कामरा का यह बयान राज्य सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने की कोशिश है और इस तरह के बयान अस्वीकार्य हैं।
वहीं, बीएमसी की एक टीम ने सोमवार को मुंबई के प्रसिद्ध हेबिटेट हिस्से को ढहा दिया, जिससे स्थानीय निवासियों और व्यापारियों में हड़कंप मच गया। हेबिटेट परिसर, जो पहले एक सांस्कृतिक और व्यावसायिक स्थल के रूप में मशहूर था, अब बीएमसी की टीम के बुलडोज़र से तबाह हो गया। बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई अवैध निर्माण और नगर निगम के नियमों का उल्लंघन करने के कारण की गई। बीएमसी का कहना है कि हेबिटेट परिसर पर गैरकानूनी निर्माण कार्य किए गए थे, जो शहर के विकास और योजना के अनुरूप नहीं थे। हालांकि, स्थानीय निवासियों और व्यापारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से उन्हें भारी नुकसान हुआ है और यह उनकी आजीविका के लिए बड़ा झटका है।
स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने बीएमसी की कार्रवाई को लेकर विरोध जताया और कहा कि इस इलाके को सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता था। कई लोगों ने आरोप लगाया कि बीएमसी ने बिना किसी उचित नोटिस या चेतावनी के यह कदम उठाया, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस कार्रवाई के बाद हेबिटेट क्षेत्र में रह रहे लोग और व्यापारियों ने बीएमसी के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इस फैसले को रद्द करने की मांग की है।
इस बीच, कुणाल कामरा पर कार्रवाई को लेकर मुंबई पुलिस ने स्पष्ट किया कि अगर वे निर्धारित समय पर पुलिस स्टेशन में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। हालांकि, कामरा ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके समर्थक इस कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित मानते हैं।
कुल मिलाकर, मुंबई में चल रहे इन दोनों मामलों ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तूफान खड़ा कर दिया है। कुणाल कामरा की टिप्पणी और बीएमसी की कार्रवाई दोनों ही मामलों में आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।