बढ़ता तनाव: अमेरिकी हवाई हमलों के जवाब में हूथी ने इज़राइल पर किया छठा हमला

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,26 मार्च।
मध्य पूर्व में संघर्ष एक नए मोड़ पर पहुंच गया है, जहां यमन के ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों ने इज़राइल पर छठा मिसाइल हमला किया है। यह हमला अमेरिका द्वारा हूथी ठिकानों पर किए जा रहे लगातार हवाई हमलों के जवाब में किया गया है। 24 मार्च को एक वीडियो बयान में, हूथी प्रवक्ता ने इस हमले की पुष्टि की, जिससे क्षेत्र में बढ़ते युद्ध की गंभीरता और उसके व्यापक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित हो गया है।

हूथी मिसाइल हमले सीधे इज़राइली सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि समूह की प्रतिक्रिया क्षमता लगातार बढ़ रही है। हूथी प्रवक्ता के अनुसार, यह हमला अमेरिका के उन लगातार हवाई हमलों का जवाब है, जो हूथी-नियंत्रित क्षेत्रों को निशाना बना रहे हैं। इन हमलों में संगठन के कई वरिष्ठ नेताओं और लड़ाकों के मारे जाने का दावा किया गया है। यह छठा मिसाइल हमला बताता है कि हूथी अब ज्यादा आक्रामक रुख अपना रहे हैं और विदेशी हस्तक्षेप का खुलकर विरोध कर रहे हैं।

हाल के हफ्तों में, अमेरिका ने हूथी सैन्य प्रतिष्ठानों और हथियार डिपो पर कई हवाई हमले किए हैं। अमेरिका के अनुसार, ये हमले हूथी की बढ़ती सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने के लिए किए जा रहे हैं। 24 मार्च का हमला हूथियों द्वारा अमेरिकी कार्रवाई को “आक्रामकता” कहे जाने का जवाब था, जिसमें संगठन ने अपने वरिष्ठ नेताओं की मौत और अपने बलों को हुए नुकसान का हवाला दिया। हूथी नेतृत्व ने खुलेआम घोषणा की है कि वे अपने हमले जारी रखेंगे और अमेरिकी तथा उसके सहयोगी ठिकानों को निशाना बनाएंगे।

हूथी मिसाइल हमले के जवाब में, इज़राइली रक्षा बलों ने अपनी रक्षा प्रणाली सक्रिय कर दी और कई incoming मिसाइलों को मार गिराया। हालांकि, सैन्य सूत्रों के अनुसार, कुछ मिसाइलें सुरक्षा घेरे को भेदने में सफल रहीं और इज़राइली सैन्य ठिकानों को मामूली क्षति पहुंची।

रेड सी क्षेत्र पहले से ही यमन के गृहयुद्ध और क्षेत्रीय अस्थिरता से प्रभावित था, लेकिन अब यह अमेरिका-समर्थित इज़राइली सेना और ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय संघर्ष के केंद्र में आ गया है। अमेरिका और उसके सहयोगी, विशेष रूप से इज़राइल, ने इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है, जबकि हूथी इस हस्तक्षेप का विरोध कर रहे हैं और इसे विदेशी आक्रमण करार दे रहे हैं।

सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया संघर्ष एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां दोनों पक्ष किसी भी दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं। विश्लेषकों को डर है कि यदि राजनयिक वार्ता विफल होती है, तो यह हिंसा व्यापक क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकती है, जिससे मध्य पूर्व में स्थिरता को और गहरा झटका लग सकता है।

फिलहाल, अमेरिकी सरकार ने इस मिसाइल हमले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन अमेरिकी सैन्य प्रवक्ताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अमेरिकी संपत्तियों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यमन, इज़राइल और आसपास के देशों में हालात लगातार अस्थिर बने हुए हैं। पूरी दुनिया इस क्षेत्र में बढ़ती सैन्य कार्रवाइयों को लेकर चिंतित है, क्योंकि मध्य पूर्व एक बड़े युद्ध की ओर बढ़ता दिख रहा है।

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