रामनवमी पर छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की साजिश का पर्दाफाश

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छत्तीसगढ़ ,बिलासपुर, 8 अप्रैल 2025 — रामनवमी जैसे पवित्र त्योहार के दिन, जब पूरा देश भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव में मग्न था, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई। सरकंडा थाना क्षेत्र के बहतराई क्षेत्र में एक घर में  प्रार्थना सभा  के नाम पर चल रही थी एक सुनियोजित धर्मांतरण की साजिश। जैसे ही हिंदू संगठनों को इसकी भनक लगी, उन्होंने मौके पर पहुंचकर न सिर्फ विरोध प्रदर्शन किया, बल्कि पूरे घटनाक्रम का भंडाफोड़ कर दिया।

लोगों को ‘ईसाई बनो, बीमारी भागेगी, गरीबी दूर होगी’ जैसे प्रलोभनों में फंसाया जा रहा था।
गंभीर आरोप यह है कि सभा में मौजूद पास्टर और उनकी पत्नी लोगों को यह विश्वास दिला रहे थे कि ईसाई धर्म अपनाने से उनकी बीमारियाँ दूर हो जाएँगी और जीवन में समृद्धि आएगी। रामनवमी के दिन यह सब कुछ होना, हिंदू संगठनों को और भी आक्रोशित कर गया। भीड़ ने मौके पर जमकर नारेबाजी की और इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की।

जैसे ही जानकारी मिली, सरकंडा थाना प्रभारी  नीलेश पांडेय  अपने टीम के साथ घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति को नियंत्रित कर लिया। पूछताछ में यह सामने आया कि दीपा गोटेल  नामक महिला के घर पर यह सभा की जा रही थी, जहाँ  पास्टर दीपक सिंह सिदार और उनकी पत्नी पूजा सिदार लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे।पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दीपा गोटेल, दीपक सिंह सिदार, पूजा सिदार, गुरुविंदर सिंह, शिवकुमार धीवर और मधु कुमार केंवट को गिरफ्तार कर लिया है। इनके खिलाफ  छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। ऑपइंडिया के पास मौजूद एफआईआर की प्रति इस बात की पुष्टि करती है कि धार्मिक पहचान बदलवाने का प्रयास किया जा रहा था।

इस मामले को लेकर क्षेत्र में भारी तनाव है, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। सरकंडा थाना प्रभारी ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी को भी धार्मिक आस्था के नाम पर बहकाया नहीं जा सकता और कानून ऐसे मामलों में सख्त है।हिंदू समूहों ने इस घटना को “रामनवमी का अपमान” कहकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की माँग की है। वहीं स्थानीय लोगों में भी क्रोध है कि प्रार्थना सभा के नाम पर ऐसी गुप्त साजिशें उनके बीच रची जा रही हैं।यह घटना न ही धार्मिक भावनाओं को चोट पहुँचाने वाली है, बल्कि यह ही यह दिखाती है कि कैसे कुछ तत्व समाज में विभाजन और भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। अब देखने वाली यह होगी कि प्रशासन इस प्रकरण में कितनी गहराई से जाँच करता है और क्या आगामी समय में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी।(ऑपइंडिया साभार )

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